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    अजमेर में पहुंचे मानसून ने की राहत की पहली बरसात, भारी बारिश की चेतावनी पर स्कूलों में छुट्टी घोषित

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Sat, 06 Jul 2019 01:09 PM (IST)

    Rajasthan Weather अजमेर पहुंचे मानसून की पहली राहत भरी बरसात शुक्रवार को हुई। देर रात को बादल जमकर बरसे। आसमान में पानी भरे बादलों के बने रहने से सुबह भी रात सी ही लगी

    अजमेर में पहुंचे मानसून ने की राहत की पहली बरसात, भारी बारिश की चेतावनी पर स्कूलों में छुट्टी घोषित

    अजमेर, जेएनएन। अजमेर पहुंचे मानसून की पहली राहत भरी बरसात शुक्रवार को हुई। देर रात को बादल जमकर बरसे। आसमान में पानी भरे बादलों के बने रहने से सुबह भी रात सी ही लगी। पुष्कर सरोवर में पानी की अच्छी आवक हुई। अजमेर की ऐतिहासिक आनासागर झील में भी काफी पानी आया। अन्य तालाब और पोखरों में भी पानी की आवक शुरू हुई हैं। वहीं अजमेर में निचले इलाकों में पानी भर गया।

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    अजमेर शहर के अन्य इलाकों में भी बीती रात से सुबह तक अच्छी बरसात की खबर है। एक बार तो ऐसा लगा कि बरसात इस तरह ही जम गई तो बाढ़ के से हालात हो जाएंगे। लिहाजा जिला प्रशासन ने सुबह स्कूलें खुलने के बाद स्कूलों में छुट्टी घोषित करवा दी किन्तु जैसे जैसे दिन खुला अजमेर के आसमान से पानी भरे बादल गायब हो गए। दिन भर धूप भी खिली और उमस ने लोगों के पसीने भी झुड़ाए।

    आनासागर में आया पानी-

    अजमेर की ऐतिहासिक आनासागर झील में मानसून की पहली बरसात का ही पानी अच्छा आ गया। आनासागर की भराव क्षमता 13 फीट है। अब अगली बरसात हाने पर आनासागर की चादर चल सकती है। असल में आनासागर में शहर भर के कोई 12 नालों का गंदा पानी भी वर्ष भर गिरता है। ऐसे में आनासागर में कभी भी पानी की कमी नहीं रहती है। पिछले कई सालों से नालों का गंदा पानी रोकने की योजना बनाई जा रही है। इसे स्मार्ट सिटी में भी शामिल किया है।

    तीन वर्ष पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आनासागर के भराव क्षेत्र में ही कई करोड़ की लागत वाले ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन भी कर दिया, लेकिन इसे इंजीनियरों की विफलता और राजनेताओं की अनदेखी ही कहा जाएगा कि नालों का गंदा पानी शुद्ध नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि एक ही बरसात में आनासागर भर गया है।

    पुष्कर सरोवर में आया करीब 5 फीट पानी-

    पुष्करवासियों के लिए भी यह खुशखबरी है कि पवित्र सरोवर में 5 फीट पानी आ गया है। भीषण गर्मी के दौरान सरोवर के किनारे बने कुण्डों में टयूब वैल के जरिए पानी डाला जा रहा था, लेकिन 5 जुलाई को केनाल के जरिए बड़ी मात्रा में पानी आ गया। नगरपालिका के अध्यक्ष कमल पाठक ने सरोवर में पानी आने पर खुशी जताई है। पाठक का कहना है कि अब आने वाले श्रद्धालु आसानी से स्नान और पुण्य काम कर सकेंगे।

    पुष्करवासियों के लिए यह भी खुशी है कि ऐतिहासिक बुढ़ा पुष्कर में भी पानी आ गया है। राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रन्नोति प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत ने बुढ़ा पुष्कर के जीर्णोद्वार के लिए बहुत मेहनत की थी। बुढ़ा पुष्कर में बरसात का पानी आने पर लखावत ने भी खुशी जताई है।

    बीसलपुर बांध में इंतजार -

    अजमेर और जयपुर जिले को पेयजल की सप्लाई करने वाले बीसलपुर बांध में अभी भी बरसात के पानी का इंतजार किया जा रहा है। दोनों जिलों के लाखों लोग बांध में पानी का इंतजार कर रहे है। बांध में पानी नहीं होने की वजह से अजमेर जिले में 3-4 दिन में मात्र 45 मिनट के लिए पेयजल की सप्लाई हो रही है। अजमेर शहर में चाहे कितना भी पानी बरस जाए, लेकिन पेयजल की समस्या का समाधान तभी होगा जब बीसलपुर बांध में पानी आएगा।