Rajasthan: झुंझुनू में JCB पर पथराव करने वाली महिलाओं को SC से राहत, इस शर्त पर मिली जमानत
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को पारित एक आदेश में कहा कि यह स्पष्ट करने की आवश्यकता नहीं है कि अपीलकर्ताओं को जांच में सहयोग करना होगा और सुनवाई की तारीखों पर ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होना होगा। उन्हें गिरफ्तार करने वाले अधिकारी की संतुष्टि के लिए 5000/- रुपये के व्यक्तिगत बॉन्ड और इतनी ही राशि की दो जमानत राशि देने पर जमानत पर रिहा किया जाएगा।

एजेंसी, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के झुंझुनू में अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान कथित तौर पर जेसीबी मशीनों पर पथराव करने और सरकारी अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोकने वाली दो महिलाओं को अग्रिम जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि हम दोनों अपीलकर्ताओं के पक्ष में अपने विवेक का प्रयोग करने के लिए राजी हैं। दोनों अपीलकर्ता महिलाएं हैं और समाज के वंचित वर्ग से हैं।
जांच अधिकारी के सामने पेश होने का आदेश
बता दें कि अगस्त 2023 में पीठ ने सुनवाई की पहली तारीख पर दोनों अपीलकर्ताओं को अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी। राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दोनों आरोपियों को एक सप्ताह की अवधि के भीतर जांच अधिकारी के सामने पेश होने का भी आदेश दिया है।
इस शर्त पर मिली जमानत
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को पारित एक आदेश में कहा कि यह स्पष्ट करने की आवश्यकता नहीं है कि अपीलकर्ताओं को जांच में सहयोग करना होगा और सुनवाई की तारीखों पर ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होना होगा। उन्हें गिरफ्तार करने वाले अधिकारी की संतुष्टि के लिए 5,000/- रुपये के व्यक्तिगत बॉन्ड और इतनी ही राशि की दो जमानत राशि देने पर जमानत पर रिहा किया जाएगा।
इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ मुकदमा
गौरतलब है कि इससे पहले राजस्थान उच्च न्यायालय और सत्र न्यायालय ने अपीलकर्ताओं को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 332, 353, 506, 336, 427 और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 के तहत दंडनीय अपराध के लिए राजस्थान के झुंझुनू के खेतड़ी पुलिस स्टेशन में इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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