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Rajasthan Panchayat Election: पंचायत चुनाव में भाजपा का सिर्फ स्थानीय मुद्दों पर जोर

Rajasthan Panchayat Election. राजस्थान में जनवरी-फरवरी में होने वाले पंचायत चुनाव में प्रतिपक्षी भाजपा स्थानीय मुद्दों पर ही जोर देगी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 12:22 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 12:22 PM (IST)
Rajasthan Panchayat Election: पंचायत चुनाव में भाजपा का सिर्फ स्थानीय मुद्दों पर जोर
Rajasthan Panchayat Election: पंचायत चुनाव में भाजपा का सिर्फ स्थानीय मुद्दों पर जोर

मनीष गोधा, जयपुर। Rajasthan Panchayat Election. स्थानीय निकाय चुनाव में अनुच्छेद 370 और राम मंदिर जैसे मुद्दों का ज्यादा लाभ नहीं मिलने के बाद अब राजस्थान में जनवरी-फरवरी में होने वाले पंचायत चुनाव में प्रतिपक्षी भाजपा स्थानीय मुद्दों पर ही जोर देगी। पार्टी ने किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी, सभी बेरोजगारों को भत्ता और कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।

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राजस्थान में अक्टूबर में दो विधानसभा सीटों के उपचुनाव और नवंबर में 49 स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा ने स्थानीय के साथ ही कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और राम मंदिर पर आए फैसले को मुद्दा बना कर चुनाव लड़ा था। पार्टी को उम्मीद थी कि इन राष्ट्रीय मुद्दों का शहरी क्षेत्रों में अच्छा असर पड़ेगा और पार्टी के लिए परिणाम अच्छे रहेंगे, लेकिन दोनों ही चुनावों में पार्टी को कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ। उपचुनाव में पार्टी अपने प्रत्याशी वाली सीट हार गई और दूसरी सीट पर गठबंधन का प्रत्याशी जीता। वहीं, स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी 49 में से सिर्फ 13 जगह अपने बोर्ड बना सकी।

अब पंचायत चुनाव सामने हैं और पार्टी इस चुनाव की तैयारी में जुट गई है। दो दिन से पार्टी मुख्यालय पर पंचायत चुनाव की तैयारी के लिए बैठकों का दौर चल रहा है। मंगलवार को प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक हुई। बुधवार को पार्टी ने अपने सभी सात अग्रिम संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक की। पार्टी सूत्रों के अनुसार, मोटे तौर पर यही तय किया है पंचायत चुनाव में कांग्रेस सरकार के दस माह की विफलताओं को मुद्दा बनाया जाएगा। इसमें विशेष तौर पर किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी और सभी बेरोजगारों को भत्ता देने के मुद्दे अहम रहेंगे। कांग्रेस ने हालांकि इन वादों को पूरा तो किया है, लेकिन कई शर्तें जोड़ दी हैं। भाजपा इसी को मुद्दा बनाएगी। इसके अलावा केंद्र सरकार की व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं के आधार पर जनता से वोट मांगा जाएगा। इसके लिए पार्टी विशेष सामग्री भी तैयार कराएगी, जिसमें प्रत्येक घर में शौचालय, प्रत्येक ग्रामीण परिवार को मकान, महिलाओं को उज्ज्वला गैस योजना द्वारा धुंए से मुक्ति, प्रत्येक घर को उजाला योजना द्वारा बिजली, युवाओं को स्टार्टअप योजना, मुद्रा योजना से स्वावलंबी बनाने के प्रयासों को बताया जाएगा।

पंचायत चुनाव को लेकर पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक मंगलवार को हुई थी। बैठक में भाजपा के संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि राज्य की गहलोत सरकार किसानों को कर्जा माफी, युवाओं को रोजगार, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं को शिक्षा और सुरक्षा के झूठे वादे कर सत्ता में आई। लेकिन न तो युवाओं को रोजगार दिया, न किसानों का कर्जा माफ किया और न ही इस राज में महिलायें सुरक्षित हैं। इन मुद्दों को पंचायत चुनाव में आमजन तक लेकर जाएंगे और विभिन्न सम्मेलन द्वारा जनता को कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता से अवगत कराएंगे।

सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की भी चिंता

बैठक में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की चिंता भी जाहिर की गई। प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि जिस प्रकार निकाय चुनाव में कांग्रेस सरकार ने धनबल, बाहुबल एवं सरकारी मशीनरी के दम पर, धर्म व जाति के आधार पर अपने बोर्ड बनाने का षड्यंत्र किया, उसी प्रकार पंचायत चुनाव में भी सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर ग्राम पंचायतों का परिसीमन कर रही है। इसी का परिणाम है कि ग्राम पंचायतों के परिसीमन की अधिसूचना 10 दिन में तीन बार निकालनी पड़ी। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार की मंशा पंचायत चुनाव में भी सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने की है। लेकिन पंचायत चुनाव हमारे लिए एक महत्वपूर्ण चुनाव हैं, जिसको जीतने के लिए पार्टी जिला, मंडल एवं पंचायत स्तर तक अपने संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ कर कांग्रेस के सरकारी मशीनरी के दम पर पंचायत चुनाव को हथियाने के षड्यंत्र को विफल करेगी।

तय किए संभागवार प्रभारी

पार्टी ने पंचायत चुनाव के लिए संभागवार प्रभारी भी तय कर दिए हैं। बीकानेर संभाग के लिए सांसद रामचरण बोहरा, जयपुर के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, भरतपुर के लिए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, अजमेर के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, जोधपुर के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, उदयपुर के लिए धर्मनारायण जोशी और कोटा के लिए पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी को प्रभारी बनाया गया है। इनके साथ दो-दो नेताओं को सह प्रभारी भी बनाया गया है।

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