Rajasthan: अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार, ड्रोन से होगी निगरानी
राजस्थान में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने विशेष कार्य योजना बनाई है। अवैध खनन रोकने के लिए खान विभाग पुलिस और जिला प्रशासन मिलकर काम करेंगे। अवैध खनन करने वालों को कठोर सजा दिलाने के लिए कानून में संशोधन करने की तैयारी की जा रही है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने विशेष कार्य योजना बनाई है। अवैध खनन रोकने के लिए खान विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन मिलकर काम करेंगे। जिला कलेक्टर अवैध खनन रोकने के लिए नियमित रूप से निगरानी रखेंगे। अवैध खनन करने वालों को कठोर सजा दिलाने के लिए कानून में संशोधन करने की तैयारी की जा रही है। यह तय किया गया है खान विभाग के विजिलेंस सेल का पुनर्गठन कर सेटेलाइट इमेजरी और ड्रोन आदि का उपयोग किया जाएगा। राजसमंद में पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में अत्याधुनिक उपकरणों के उपयोग के अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं।
अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। दरअसल,प्रदेश के अलवर,भरतपुर,सिरोही,बांसवाड़ा व सीकर जिलों में बड़ी मात्रा में अवैध खनन हो रहा है । इन जिलों से अवैध खनन के बाद पत्थर उत्तरप्रदेश, हरियाणा व गुजरात जैसे पड़ौसी राज्यों में भी भेजा जा रहा है। अंतरराज्यीय सीमा पर भी चौकसी बढ़ाकर पत्थर की अवैध निकासी को रोका जाएगा ।
अवैध खनन मामले में 3033 प्रकरण दर्ज
खान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने बताया कि खान विभाग की राजस्व आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की है। राज्य की एमसेंड नीति जल्दी ही लागू होगी। अग्रवाल ने बताया कि अवैध खनन के 3033 प्रकरण दर्ज कर 219 मामले पुलिस में दर्ज हुए हैं। जिसमें 21 करोड़ से अधिक की पेनल्टी वसूल की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि बजरी खनन पर सर्वोच्च न्यायालय की रोक के संदर्भ में जल्दी ही सीईसी के समक्ष प्रभावी तरीके से राज्य का पक्ष रखा जाएगा, जिससे अवैध बजरी खनन का स्थाई समाधान हो सके।
उन्होंने बताया कि खनिज बजरी के अच्छे विकल्प के रुप में एम-सेंड के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नई नीति लाई जा रही है। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में बजरी के विकल्प के रुप में एमसेंड का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। विभाग ने राजस्व बढ़ोतरी के लिए 110 ठेकों की ई नीलामी की प्रक्रिया शुरु कर दी है। प्रधान खनिज के जैसलमेर के दो व झुंझुनूं और नागौर के कुल चार ब्लॉकों की ई ऑक्शन की प्रक्रिया शुरु होने में है।