जागरण संवाददाता, जयपुर: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा रविवार देर शाम मध्यप्रदेश से राजस्थान की सीमा पर झालावाड़ जिले में पहुंचेगी। राहुल की यात्रा 15 से 18 दिन तक राजस्थान के सात जिलों के 18 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी। प्रदेश में यात्रा 520 किलोमीटर का सफर तय करते हुए 21 दिसंबर को अलवर जिले से हरियाणा में प्रवेश करेगी। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का राहुल की यात्रा में शामिल होने कार्यक्रम बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सोनिया नौ दिसंबर को अपना जन्मदिन राहुल की यात्रा के दौरान राजस्थान में मना सकती है। सोनिया का आठ दिसंबर को कोटा पहुंचने का कार्यक्रम है। अगले दिन नौ तारीख को यहां जन्मदिन मनाने का कार्यक्रम है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी इस दौरान कोटा पहुंच सकती है।

राहुल की यात्रा सोमवार को झालावाड़ से सुबह छह बजे रवाना होगी। तय कार्यक्रम के अनुसार यात्रा दो दिन झालावाड़, चार दिन कोटा, तीन दिन बूंदी, तीन दिन सवाईमाधोपुर और पांच दिन दौसा जिले में रहेगी। अंतिम दो दिन यात्रा अलवर जिले रहेगी। 20 अथवा 21 दिसंबर को अलवर जिले के मालाखेड़ा में बड़ी सभा होगी। यात्रा जिल सात जिलों से गुजरेगी उनमें तीन झालावाड़, कोटा और बूंदी भाजपा के गढ़ हैं। वहीं दौसा और अलवर जिलों के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का प्रभाव है। यात्रा की शुरूआत झालावाड़ जिले से होगी, जहां कांग्रेस अब तक सात लोकसभा चुनाव हार चुकी है। यहां पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अब उनके पुत्र दुष्यंत सिंह सांसद है। जिले की चार में से एक भी कांग्रेस का विधायक नहीं है। जिला प्रमुख से लेकर ज्यादातर प्रधान भी भाजपा के ही हैं। इसी तरह कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सांसद हैं। कांग्रेस लगातार चार लोकसभा चुनाव हार चुकी है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा-बूंदी से सांसद हैं। टोंक-सवाईमाधोपुर संसदीय सीट से भाजपा के सुखबीर सिंह जौनापुरिया सांसद हैं। दोनों जिलों में भाजपा के विधायकों की संख्या कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा है। पायलट टोंक शहर से विधायक हैं। सवाईमाधोपुर और दौसा जिलों में कांग्रेस अवश्य भाजपा के मुकाबले मजबूत है। पायलट का प्रभाव होने के कारण दोनों जिलों में गुर्जर-मीणा मतदाता पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ आए थे। अलवर जिले में भाजपा के बाबा बालकनाथ सांसद हैं।

Edited By: Amit Singh