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Rakesh Jhunjhunwala: गांव से इतना लगाव कि सरनेम अग्रवाल से झुनझुनवाला कर लिया था

Rajasthan लोगों ने बताया कि राकेश के पिता का झुंझुनूं से गहरा लगाव था। यही कारण रहा कि उन्होंने अपने सरनेम के आगे झुनझुनवाला लिखना प्रारंभ कर दिया। जबकि उनका मूल नाम राधेश्याम अग्रवाल था। इसके बाद राकेश ने भी अपने सरनेम के आगे झुनझुनवाला लिखना प्रारंभ कर दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 08:33 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 08:33 PM (IST)
Rakesh Jhunjhunwala: गांव से इतना लगाव कि सरनेम अग्रवाल से झुनझुनवाला कर लिया था
गांव से इतना लगाव कि सरनेम अग्रवाल से झुनझुनवाला कर लिया था। फोटो आइएएनएस

जयपुर, जागरण संवाददाता। Rakesh Jhunjhunwala: शेयर बाजार के बादशाह माने जाने वाले राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का रविवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे राजस्थान (Rajasthan) में झुंझुनूं जिले क मलसीसर के मूल निवासी थे। झुंझुनूं (Jhunjhunu) के प्रमुख लोगों ने बताया कि राकेश के दादा झुंझुनूं से कानपुर (Kanpur) जाकर बस गए। वहां उन्होंने अपना कारोबार किया था। राकेश के पिता आयकर अधिकारी बने और मुंबई में बस गए। लोगों ने बताया कि राकेश के पिता का झुंझुनूं से गहरा लगाव था। यही कारण रहा कि उन्होंने अपने सरनेम (Surname) के आगे झुनझुनवाला लिखना प्रारंभ कर दिया। जबकि उनका मूल नाम राधेश्याम अग्रवाल था। इसके बाद राकेश ने भी अपने सरनेम के आगे झुनझुनवाला लिखना प्रारंभ कर दिया।

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झुंझुनुं से जुड़े रहे

राकेश और उनके छोटे भाई राजेश किसी ना किसी बहाने अपने झुंझुनूं से जुड़े रहे। उनका परिवार झुंझुनूं में स्थित उनकी कुल देवी राणी सती की पूजा-अर्चना करने के लिए नियमित रूप से आता रहा है। इस साल जनवरी में राकेश की पत्नी रेखा, छोटा भाई राकेश व अन्य स्वजन राणी सती मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए आए थे। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि राकेश मंदिर के विकास में पूरा सहयोग देते थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि झुनझुनवाला परिवार ने करीब 70 साल पहले अपनी हवेली स्थानीय व्यापारी को बेच दी थी, जहां अब बड़ा बाजार बन गया है। झुनझुनवाला परिवार ने डूंडलोद में विद्यापीठ ट्रस्ट संचालित कर रखा है। इस ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा से जुड़ी गतिविधियां संचालित करते हैं।

बच्चे के लिए पत्नी ने लिया था आइवीएफ का सहारा

22 फरवरी, 1987 को उनकी शादी रेखा झुनझुनवाला से हुई थी। शादी के बाद कई वर्ष तक राकेश और रेखा को संतान नहीं हुई। बच्चे की चाहत में दोनों ने आइवीएफ का सहारा लिया। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो एक-दो नहीं बल्कि छह बार रेखा ने आइवीएफ के जरिये बच्चे की कोशिश की। शादी के 17 साल बाद 30 जून, 2004 को बेटी निष्ठा का जन्म हुआ। 2009 में राकेश और रेखा के जुड़वा बेटों आर्यमन और आर्यवीर का जन्म हुआ।


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