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    Udaipur: जान जोखिम डालकर नदी पार कर रहे स्कूली बच्चे, 14 साल से टूटी है पुलिया; सरकार नहीं दे रही ध्यान

    Udaipur चौदह साल पहले साल 2006 में तेज बारिश के चलते मानसी नदी के ऊपर से गुजर रही पुलिया ध्वस्त हो गई थी। हर साल बारिश के मौसम में यह नदी उफान पर रहती है। तेज बहाव के चलते वाहनों का संचालन पूरी तरह रूक जाता है लेकिन ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर रहते हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 02 Aug 2023 11:11 PM (IST)
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    उदयपुर जिले की मानसी नदी से गुजरना होता है बच्चों को, 14 साल से टूटी है पुलिया

    उदयपुर, राज्य ब्यूरो। जिले के झाड़ोल क्षेत्र से निकलने वाली मानसूनी मानसी नदी इन दिनों प्रबल वेग से बह रही है। क्षेत्र के भदराणा ग्राम पंचायत के राजस्व गांव अमरपुरा के बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए रोजाना जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। चौदह साल पहले साल 2006 में तेज बारिश के चलते मानसी नदी के ऊपर से गुजर रही पुलिया ध्वस्त हो गई थी। अब टूटी पुलिया से गुजरना संभव नहीं रहा और ऐसे में पढ़ने के लिए उन्हें नदी से गुजरना होता है। ऐसे में अचानक नदी में उफान आने से अनहोनी की आशंका बनी रहती है।

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    ग्रामीणों का कहना है कि 14 साल पहले पुलिया टूट गई थी और हालात आज भी जस के तस हैं। हर साल बारिश के मौसम में यह नदी उफान पर रहती है। तेज बहाव के चलते वाहनों का संचालन पूरी तरह रूक जाता है लेकिन ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर रहते हैं।

    कमर तक पानी से गुजरना बच्चों की मजबूरी

    स्कूल के भी दूसरी ओर होने से बच्चों की मजबूरी रहती है कि उन्हें पढ़ने के लिए नदी पार करनी होती है। स्कूली बच्चों को कई बार कमर तक पानी में चलकर नदी पार करनी पड़ती है। क्योंकि नदी पार ही राजकीय सीनीयर सैकण्डरी स्कूल है।

    अस्पताल भी नदी पार

    इसी तरह अस्पताल भी नदी के पार होने पर बीमार को इलाज के लिए नदी पार करवाकर हॉस्पिटल लेकर जाना होता है। दूसरा रास्ता आठ-दस किलोमीटर लंबा होने तथा पहाड़ी उबड़-खाबड़ होने पर बीमार व्यक्ति को खाट पर लिटाकर ले जाया जाता है।

    विधायक बोले- कई बार मामला उठाया लेकिन नहीं सुनती सरकार

    झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी का कहना है कि ग्रामीणों की मांग जायज है। इतने वर्षों से यह रपट टूटी हुई है तो सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। रपट की जगह नई पुलिया बनानी चाहिए। इधर, सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता भूरसिंह मीणा का कहना है कि पुलिया निर्माण के लिए प्रस्ताव आगे भेज रखा है लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली और काम नहीं कराया जा सका।

    ग्रामीणों में गुस्सा

    ग्रामीणों में पुलिया के पुननिर्माण नहीं कराए जाने को लेकर भारी गुस्सा है। ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधी सिर्फ वोट के लिए हाथ जोड़ते हुए घर-घर आते हैं, लेकिन 14 साल से टूटी पुलिया की ओर उनका ध्यान नहीं गया। ग्रामीणों ने सरकार से जल्द से जल्द पुलिया निर्माण की मांग की है।