दस साल पुराने मामले में राजस्थान के मंत्री को राहत, CBI जांच वाली याचिका वापस लेने की हाई कोर्ट ने दी अनुमति
उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता स्व.रामशरण सिंह के पुत्र सुरेंद्र सिंह को सीबीआई जांच वाली याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है। इससे पहले रामशरण सिंह ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। लेकिन उनकी मौत के बाद पुत्र ने बुधवार को यह याचिका वापस ले ली है। ( जागरण - फोटो )

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में करीब दस साल पुराने एकल पट्टा प्रकरण में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल,सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जी.एस.संधु,निष्कार दिवाकर और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ओंकार मल सैनी को उच्च न्यायालय ने राहत दी है।
याचिका ली गई वापस
उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता स्व.रामशरण सिंह के पुत्र सुरेंद्र सिंह को सीबीआई जांच वाली याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है। इससे पहले रामशरण सिंह ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। लेकिन उनकी मौत के बाद पुत्र ने बुधवार को यह याचिका वापस ले ली है।
शैलेन्द्र गर्ग के नाम एकल पट्टा किया था जारी
इस पूरे मामले में जयपुर विकास प्राधिकरण ने गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक शैलेन्द्र गर्ग के नाम एकल पट्टा जारी किया था। जिसकी शिकायत रामशरण सिंह ने साल, 2013 में राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में की थी। मामले की जांच करते हुए ब्यूरो ने संधू, दिवाकर व सैनी, गर्ग और दो अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर इनके खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया था। बाद में एकल पट्टा निरस्त कर दिया था।
रामशरण सिंह ने की थी सीबीआई जांच की मांग
धारीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। जिस पर धारीवाल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिस पर उन्हे न्यायालय से राहत मिल गई थी। बाद में साल, 2022 में ब्यूरो ने जांच पूरी कर कहा था कि धारीवाल सहित किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मामला नहीं बनता है। ऐसे में ब्यूरो जांच बंद करना चाहता है। इसके बाद ब्यूरो ने न्यायालय में चालान वापस लेने का प्रार्थना पत्र पेश किया था। इस बीच रामशरण सिंह ने सीबीआई जांच की मांग की थी।

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