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चुनाव से ठीक पहले भाजपा को झटका, वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी ने पार्टी छोड़ी, बनाई नई पार्टी

राजस्थान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ने आज पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 05:06 PM (IST)
चुनाव से ठीक पहले भाजपा को झटका, वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी ने पार्टी छोड़ी, बनाई नई पार्टी
चुनाव से ठीक पहले भाजपा को झटका, वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी ने पार्टी छोड़ी, बनाई नई पार्टी

जयपुर, राजस्थान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ने आज पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर इस बात के लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय आलाकमान को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, तिवारी ने RSS से जुड़े रहने की बात कही है। घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि वह कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों से अच्छे लोगों को अपनी पार्टी में शामिल करेंगे। खुद वर्तमान विधानसभा सीट यही सांगानेर विधानसभा सीट से अपनी नई पार्टी भारत वाहिनी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।

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उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के 15 से ज्यादा वर्तमान विधायक अभी उनके संपर्क में हैं और उनको अगले विधानसभा चुनाव में भारत वाहिनी पार्टी से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता हैं। घनश्याम तिवारी ने कहा कि खींवसर से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल उनके परिवार के सदस्य हैं और भविष्य में उनके साथ समझौता किए जाने के सभी रास्ते खुले हुए हैं।

 राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ मतभेद के चलते भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक घनश्याम तिवारी ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। सोमवार को तिवारी ने अपना इस्तीफा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेजते हुए कहा कि भाजपा छोड़ना उनके लिए दुखद है,लेकिन "अब याचना नहीं रण होगा "। पत्र में उन्होंने लिखा कि साढ़े चार साल में प्रदेश की जनता को लूटा गया,भष्टाचार बढ़ा,कानून-व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई है। प्रदेश में अघोषित आपातकाल के हालात बन गए है।

पहले जनसंघ और फिर भाजपा से जुड़े रहे तिवारी ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में आगामी विधानसभा चुनाव "भारत वाहिनी पार्टी "के चुनाव चिन्ह पर लड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी खड़े किए जाएंगे।चुनाव से करीब 5 माह पहले दिग्गज नेता तिवारी के पार्टी छोड़ने से भाजपा की चुनावी तैयारियों को झटका लग सकता है। 6 बार विधायक,2 बार मंत्री और भाजपा में विभिन्न पदों पर रहे तिवारी 50 साल से आरएसएस से जुड़े हुए है।

दरअसल,मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ पिछले चार साल से तिवारी के मतभेद चल रहे थे। वसुंधरा राजे को लेकर तिवारी काफी समय से आक्रामक तेवर अपनाए हुए थे। विधानसभा सत्र के दौरान और बाहर उन्होंने कई बार वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। वसुंधरा राजे द्वारा सरकारी बंगलों के उपयोग को लेकर भी तिवाड़ी ने कई बार सार्वजिनक रूप से बयानबाजी की।

पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी पर भी तिवारी ने कई तरह के आरोप लगाए। सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने के कारण प्रदेश अनुशासन समिति ने केन्द्रीन अनुशासन समिति को तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की थी। केन्द्रीय अनुशासन समिति ने तिवारी को नोटिस दिया,जिसका उन्होंने जवाब भी दिया,लेकिन इसके बाद कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई। तिवारी ने भाजपा के कई विधायकों के अपने सम्पर्क में होने की बात भी कही।

हाल ही में हुआ भारत वाहिनी पार्टी का रजिस्ट्रेशन

तिवारी के बेटे अखिलेश यादव की अध्यक्षता वाली भारत वाहिनी पार्टी का रजिस्ट्रेशन चुनाव आयोग से पिछले दिनों ही हुआ है। तिवारी पिछले एक साल से नई पार्टी के गठन की कसरत में जुटे थे। सोमवार को उन्होंने कहा कि पार्टी प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। तिवारी ने कहा कि पार्टी का पहला प्रतिनिधि सम्मेलन 3 जुलाई को जयपुर में होगा।

भाजपा ने कहा,कोई फर्क नहीं पड़ेगा

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि तिवारी के भाजपा छोड़ने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पहले भी देश के कई राज्यों में बड़े-बड़े नेता भाजपा छोड़कर गए,लेकिन वे ही राजनीतिक तौर पर खत्म हो गए। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने कहा कि आगामी चुनाव में भाजपा ही जीतेगी। चाहे कोई कितने ही सपने देखले,लेकिन उनके सपने पूरे नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि तिवारी ने एहशान फरामोशी वाला कदम उठाया है।

अशोक गहलोत बोले,भाजपा में हो रही वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा में वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी हो रही है। वरिष्ठ नेताओं में इस बात की पीड़ा है। तिवारी ने राज्य में फैल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई,लेकिन उनकी आवाज भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने भी नहीं सुनी। उन्होंने तिवारी के फैसले को सही बताया। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने तिवारी के पार्टी छोड़ने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने साहस के साथ मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है । 

तिवाड़ी ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री और राज्य सरकार खुलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। केंद्र सरकार के कुछ आला नेताओं की छत्रछाया में प्रदेश सरकार ने प्रदेश को लूटने पर खुलकर चलने का चारागाह बना लिया है।

तिवाड़ी ने कहा कि वह अब इस अघोषित आपातकाल के खिलाफ लड़ेंगे, जिसमें वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा सिविल लाइन में 13 नंबर बंगले को खाली कराने, प्रेस की आर्थिक आजादी और तमाम उन मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे, जिनसे प्रदेश की जनता त्रस्त है।

इस मौके पर तिवाड़ी ने कहा कि उन्होंने अपनी बात रख दी है, अब यदि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रदेश की मुख्यमंत्री और पार्टी में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कदम उठाते हैं तो वह इसका स्वागत करेंगे।


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