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राजस्‍थान में सियासी संकट: आलाकमान को चुनौती से गहलोत की छवि पर हो सकता है असर, क्‍या इस बार टिक पाए कोई उनके सामने?

Rajasthan Congress crisis राजस्थान में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। इस बीच अशोक गहलोत के समर्थकों ने रविवार को जिस तरह से आलाकमान के निर्णय को चुनौती दी है उससे गहलोत की छवि को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।

By JagranEdited By: Arijita SenPublished: Mon, 26 Sep 2022 05:06 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 05:06 PM (IST)
राजस्‍थान में सियासी संकट: आलाकमान को चुनौती से गहलोत की छवि पर हो सकता है असर, क्‍या इस बार टिक पाए कोई उनके सामने?
राजस्‍थान में गहराया राजनीतिक संकट, आलाकमान को दी गई है चुनौती

जयपुर, (नरेन्द्र शर्मा)। राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को लेकर अशोक गहलोत समर्थकों ने रविवार को जिस तरह से आलाकमान के निर्णय को चुनौती दी है, उससे गहलोत की छवि को नुकसान हो सकता है। अब तक गहलोत को गांधी परिवार और कांग्रेस आलाकमान का विश्वस्त माना जाता रहा है। गांधी परिवार की निकटता के कारण ही गहलोत पहली बार साल 1998 में मुख्यमंत्री बने थे, जबकि उस समय दिग्गज जाट परसराम मदेरणा सीएम बनने के प्रबल दावेदार थे।

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सोनिया से निकटता के कारण बने कई बार सीएम

दूसरी बार भी सोनिया से निकटता के कारण वे सीएम बने। फिर 2019 में सचिन पायलट सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन सोनिया से निकटता के चलते उन्हे तीसरी बार सीएम का पद मिला।

इससे पहले भी गहलोत कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बने तो पूर्व सीएम स्व.हरिदेव जोशी, दिग्गज नेता स्व.नवल किशोर शर्मा, शीशराम ओला, मदेरणा जैसे नेताओं को दरकिनार कर आलाकमन ने उन पर विश्वास किया था।

वे इंदिरा गांधी,राजीव गांधी और नरसिंहा राव सरकार में मंत्री रहने के साथ ही दो बार पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री रहे हैं।

गांधी परिवार के करीबी रहे हैं गहलोत

गहलोत खुद ही कई बार कह चुके हैं कि 50 साल के राजनीतिक जीवन में वे 40 साल पदों पर रहे हैं। गांधी परिवार से निकटता के कारण ही उनका कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है। उन्हें 28 सितंबर को नामांकन दाखिल करना है। लेकिन अब जिस तरह से गहलोत समर्थक विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया उससे उनकी छवि को नुकसान हो सकता है।

संभव है कि गहलोत विरोधी गांधी परिवार से कहे कि अब गहलोत को अध्यक्ष बनाने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। इन हालात में पायलट को पार्टी नेतृत्व के द्वारा सीएम बनाए जाने की संभावना है। इसको लेकर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।

गहलोत समर्थकों का कहना है कि आलाकमान ने मुख्यमंत्री को विश्वास में लिए बिना ही पर्यवेक्षक भेज दिए और सोनिया को नया सीएम चुनने का अधिकार सौंपने का एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने के निर्देश दिए गए, जो कि गलत है।

भाजपा ने कांग्रेस को घेरा

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस सरकार फिर बाड़ेबंदी में जाने को तैयार है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर कहा, रूझान आने शुरू हो गए जय भाजपा । प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा पायलट के प्रति सहानुभूति है। हम कांग्रेस का खेल देख रहे हैं।

दलिय स्थिति कुल 200 विधायक

कांग्रेस - 107

भाजपा -73

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी -3

माकपा - 2

भारतीय ट्राइबल पार्टी - 2

निर्दलीय - 13

नोट - सभी निर्दलीय और माकपा विधायक कांग्रेस सरकार के साथ हैं।


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