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    Rajasthan News: घर-घर होती थी गोमांस की डिलीवरी, मेवात में गौ-तस्कर के ठिकानों पर चला बुलडोजर; गांव छोड़कर भागे अपराधी

    Updated: Mon, 19 Feb 2024 06:52 PM (IST)

    राजस्थान पुलिस ने खैरथल-तिजारा व अलवर जिलों के मेवात क्षेत्र में छापेमारी की। पुलिस टीमों ने खैरथल-तिजारा जिले के किशनगढ़बास तहसील के रूंध गिदावड़ा गांव पिछले काफी समय से गायों का मांस बिकने की सूचना प्रशासन को मिल रही थी। इस गांव में बाकायदा बीफ की मंडी लगती थी। एक दिन पहले मामला सरकार में उच्च स्तर तक पहुंचा तो सोमवार सुबह बड़ी कार्रवाई की गई।

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    राजस्थान पुलिस ने खैरथल-तिजारा व अलवर जिलों के मेावत क्षेत्र में छापेमारी की।(फोटो सोर्स: जागरण)

    जागरण संवाददाता,जयपुर। राजस्थान की भाजपा सरकार ने गौतस्करों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाते हुए खैरथल-तिजारा जिले के मेवात इलाके में तस्करों के ठिकानों पर बुलडोजर चलाया । पुलिस और प्रशासन ने गौतस्करों के अवैध मकानों,गायों व इनके मांस को रखने के लिए किए गए निर्माण कार्य पर बुलडोजर चलाया। इनके बिजली के कनेक्शन काट दिए गए।

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    सोमवार सुबह पुलिस ने खैरथल-तिजारा व अलवर जिलों के मेावत क्षेत्र में छापेमारी की। पुलिस टीमों ने खैरथल-तिजारा जिले के किशनगढ़बास तहसील के रूंध गिदावड़ा गांव पिछले काफी समय से गायों का मांस बिकने की सूचना प्रशासन को मिल रही थी।

    इस गांव में बाकायदा बीफ की मंडी लगती थी। एक दिन पहले मामला सरकार में उच्च स्तर तक पहुंचा तो सोमवार सुबह बड़ी कार्रवाई की गई। हालांकि पुलिस के स्तर पर सूचना लीक होने के कारण तस्कर मौके से फरार हो गए। मौके पर गायों की हड्डियां पड़ी हुई मिली।

    गौतस्करों और पुलिस के बीच मिलीभगत की खबर आई सामने

    पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के दौरान जंगल में गौकशी के लिए लाई गई दस गायें मिली,जिन्हे मुक्त करवाकर गौशाला भेजा गया है। इस बीच गौतस्करों से मिलीभगत के आरोप में जिला पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह ने किशनगढ़बास के पुलिस थाना अधिकारी सहित 38 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।

    वहीं, चार को निलंबित किया गया है। पुलिस और प्रशासन की छापेमारी के दौरान प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा भी मौके पर पहुंचे । शर्मा ने कहा,अब गौतस्करों के खिलाफ नियमित अभियान चलेगा। आरोपितों को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा,मौके से गायों का मिलना पुलिस की लापरवाही है। पुलिस ने दो दर्जन लोगों के खिलाफ नामजद गोकशी रिपोर्ट दर्ज की है। फरार तस्करों की तलाश के लिए पुलिस की टीम गठित की गई है।

    होम डिलीवरी की थी सुविधा

    जांच में सामने आया कि गौतस्कर प्रदेश के विभिन्न इलाकों से मेवात में गायों को लाकर उनका वध करते थे। फिर गौमांश बेचते थे। यही नहीं घर बैठे फोन पर ( होम डिलीवरी ) उपलब्ध करवाया जाता था। रूंध गिदावड़ा और बरसंगपुर में प्रतिदिन दोपहर बाद गोमांस बेचने की मंडी लगती थी। स्थानीय पुलिस की मिलीभगत के कारण तस्करों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।

    रविवार को इस बारे में सरकार में उच्च स्तर तक रिपोर्ट पहुंची तो जयपुर से पुलिस महानिरीक्षक उमेश दत्ता को भेजा गया। वन एवं पर्यावरण मंत्री ने पूरी कार्रवाई पर निगरानी रखी। पुलिस उप अधीक्षक सुरेश कुडी ने बताया कि दस किलोमीटर क्षेत्र में दबीश दी गई।

    घरों व जंगल में बने ठिकानों से अवैध मांस,मांस काटने का सामान,एक दर्जन से अधिक बाइक,पिकअप और अन्य सामान बरामद किया गया है। छापेमारी की दौरान प्रत्येक घर में जाकर जांच की गई। सोमवार को विश्व हिंदू परिषद एवं विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पुलिस उप अधीक्षक के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

    राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

    भाजपा विधायक बाबा बालकनाथ ने एक बयान में कहा,गायों का मांस बेचने वालों को कांग्रेस का संरक्षण हासिल है। कांग्रेस की सरकार में गोकशी शुरू हुई थी। वहीं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा,भाजपा की सरकार के कार्यकाल में गोकशी की घटना शर्मनाक है। कांग्रेस सरकार में ऐसा नहीं होता था।

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