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    Rajasthan: कोटा में नहीं थम रहा छात्रों की खुदकुशी का सिलसिला, कोचिंग सेंटरों में टेस्ट पर लगी दो महीने की रोक

    By AgencyEdited By: Nidhi Avinash
    Updated: Mon, 28 Aug 2023 07:58 AM (IST)

    राजस्थान के कोटा में छात्रों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को नीट परीक्षा की तैयारी कर रहे दो छात्रों ने खुदकुशी कर ली। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर ने आदेश जारी किया है। कोटा के कोचिंग सेंटर आने वाले दो महीनों तक कोई टेस्ट नहीं लेगी। छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह फैसला लिया गया।

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    कोटा में नहीं थम रहा छात्रों की खुदकुशी का सिलसि (Image: Jagran Graphic)

    जयपुर, एजेंसी। Kota suicide Students: राजस्थान का कोटा शहर एक काले शहर में बदलता जा रहा है। यहां छात्रों के मौत के सिलसिले थमने का नाम ही नहीं ले रही है। रविवार को नीट की परीक्षा की तैयारी कर रहे 2 छात्रों ने खुदकुशी कर ली।

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    इन छात्रों की मौत से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर ने आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक कोटा की कोई भी कोचिंग सेंटर आने वाले दो महीनों तक परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगी। ये फैसला छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के मद्देनजर लिया गया है।

    इस साल कोटा में हुई 23 छात्रों की मौत

    जानकारी के अनुसार, रविवार को 2 छात्रों की मौत के बाद इस साल कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 23 हो गई है। पिछले साल इसकी संख्या 15 थी। अगस्त महीने में ही कोटा के 7 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है। कोटा में लगातार बढ़ते छात्रों की आत्महत्या के मामलों को देखते हुए प्रशासन ने हॉस्टल में कई बदलाव किए हैं। कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखों के बाद अब छात्रावासों की बालकनियों और लॉबी में जाल लगाए जा रहे हैं।

    क्या कहते है हॉस्टल के मालिक?

    हॉस्टल मालिकों का कहना है कि यह काफी दुखद घटनाएं है और इससे बचने के लिए ऐसे कदम उठाना बेहद महत्वपूर्ण हैं। आपको बता दें कि JEE और NIT जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना दो लाख से अधिक छात्र कोटा जाते हैं। बच्चे कोई बड़ा कदम न उठाए इसको देखते हुए हॉस्टल के सभी लॉबी और बालकनियों में बड़े जाल लगाए गए हैं। ये जाल 150 किलोग्राम तक वजन झेल सकते हैं और यह भी सुनिश्चित करते हैं कि छात्र घायल न हों।