राजस्थान हर्बल पार्क, यूनिवर्सिटी तैयार करेगी औषधीय व आयुर्वेदिक पौधे, सरकार ने बनाई घर-घर पौधे वितरण की योजना
राज्य सरकार ने प्रदेश में घर-घर औषधीय व आयुर्वेदिक पौधे वितरित करने के लिए 210 करोड़ का प्रावधान रखा है। चिकित्सा मंत्री का कहना है कि सरकार एलोपैथी के साथ आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा को भी बढ़ावा दे रही है। कोरोना महामारी से बचाव में इनका भी अपना महत्व है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। कोरोना महामारी के दौरान पारंपरिक औषधियों को प्राथमिकता देने की जरूरत सभी वर्गाें ने बताई। राजस्थान सरकार ने औषधिय व आयुर्वेदिक पौधे घर-घर वितरित करने की योजना बनाई है। अब राज्य सरकार शेखावाटी यूनिवर्सिटी औषधीय पार्क बनाने का निर्णय लिया गया है। इस पार्क में भृगराज, अश्वगंधा, ईसबगोल, अडूसा, नींबू, बिजौरा, सर्पगंधा, विधारा, हार्ड जोड़, कदंब ,सहजना, अर्जुन, कुमटा, पीलू, बबूल ,अंजीर, शीशम, पिप्पली लोंग, गिलोय,अडूसा वसा,काली मूसली, सफेद मूसली, लाजवंजी ,अतिबला,छोटे कटेरी, गोखरू, ग्वारपाठा, चिरचिटा, चित्रक ,नागर मोधा, पत्थर चट्टा, बावची, ब्राहमी, सतावरी, मुलैठी, गूगल, बकायन, बहेडा, अमलताश, स्वर्णशीरी, बिल्वपत्र, सिरिस, पारिजात सहित कई औषधिय पौधे लगाए जाएंगे। प्रत्येक औषधीय पौधे के पास बोर्ड लगाकर उसका नाम व उपयोगिता लिखी जाएगी। पहले चरण में बड़े पौधे लगाए जाएंगे, जिससे शीघ्र विकसित हो सके।
यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.भागीरथ सिंह ने बताया कि बारिस शुरू होने से पहले ही पौधों को लगाने का काम शुरू किया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। पौधे खरीदने को लेकर निविदा आमंत्रित की गई है। पौधों की देखभाल के लिए अभी से कार्मिकों को तैनात करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के किसी भी यूनिवर्सिटी में यह पहला हर्बल पार्क होगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में घर-घर औषधीय व आयुर्वेदिक पौधे वितरित करने के लिए 210 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा है। पहले चरण में 30 लाख से ज्यादा पौधे वितरित करने की योजना है । योजना को अमल में लाने के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स बनाई जा रही है। चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा का कहना है कि सरकार एलोपैथी के साथ आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा को भी बढ़ावा दे रही है। कोरोना महामारी से बचाव में इनका भी अपना महत्व है।