राजस्थान सरकार 36,000 वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थयात्रा का आयोजन करेगी, देवस्थान मंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी
राजस्थान सरकार वरिष्ठजनों को एक बार फिर से तीर्थ यात्रा कराएगी। इसकी जानकारी देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने विधानसभा में दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार 36000 वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थयात्रा का आयोजन करेगी। मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार 2024-25 में इस योजना के तहत 36000 वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा की सुविधा प्रदान करेगी जिसमें 15000 वरिष्ठ नागरिकों को रेल द्वारा अयोध्या ले जाया जाएगा।
पीटीआई, जयपुर। राजस्थान सरकार इस वर्ष भी वरिष्ठजनों को तीर्थ यात्रा करवाएगी। बता दें कि राजस्थान सरकार 36,000 वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थयात्रा का आयोजन करेगी। इसकी जानकारी देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने विधानसभा में दी। बता दें कि वे बुधवार देर शाम विधानसभा में देवस्थान विभाग की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे।
85.22 करोड़ रुपये की अनुदान मांग को किया पूरा
चर्चा के बाद सदन ने 85.22 करोड़ रुपये की अनुदान मांग को ध्वनिमत से पारित कर दिया। मंत्री ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन के लिए चार ट्रेनों के संचालन से 2,999 वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिला है।
मंत्री ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन के लिए चार ट्रेनों के संचालन से 2,999 वरिष्ठ नागरिकों को लाभ हुआ है।
36000 वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी सुविधा
उन्होंने कहा, हमारी सरकार 2024-25 में इस योजना के तहत 36,000 वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा की सुविधा प्रदान करेगी, जिसमें 15,000 वरिष्ठ नागरिकों को रेल द्वारा अयोध्या ले जाया जाएगा और 15,000 वरिष्ठ नागरिकों को रामेश्वरम, पुरी में जगन्नाथ मंदिर, वैष्णो देवी-अमृतसर, गंगासागर, तिरुपति, कामाख्या, मथुरा-वृंदावन और मथुरा-अयोध्या सहित तीर्थ स्थलों पर ले जाया जाएगा और 6,000 वरिष्ठ नागरिकों को हवाई मार्ग से पशुपतिनाथ, काठमांडू (नेपाल) ले जाया जाएगा।
खाटूश्यामजी मंदिर के लिए 100 करोड़ रुपये
राज्य सरकार खाटूश्यामजी मंदिर को भव्य रूप देने के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके अलावा 23 मंदिरों और तीन आदिवासी आस्था केंद्रों का विकास भी किया जाएगा।
कुमावत ने कहा कि देवस्थान विभाग के मंदिरों में प्रतिदिन देश-विदेश से लाखों पर्यटक आते हैं, जिससे राज्य के राजस्व में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि देवस्थान विभाग 593 मंदिरों का प्रबंधन करता है, जिनमें से 390 प्रत्यक्ष प्रभार वाले और 203 स्व-निर्भर हैं।
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