Move to Jagran APP

राजस्थान सरकार नई खनन नीति लागू करेगी, खनन को बढ़ावा देने व अवैध खनन रोकने का होगा प्रावधान

खनन नीति का प्रारूप तैयार करने को लेकर राज्य सरकार ने एक कमेटी गठित की है। राजस्थान में खनन को बढ़ावा देने अवैध खनन रोकने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिहाज से प्रदेश में नई खनन नीति लागू करने की तैयारी की जा रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 11:50 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 11:50 AM (IST)
राजस्थान सरकार नई खनन नीति लागू करेगी, खनन को बढ़ावा देने व अवैध खनन रोकने का होगा प्रावधान
राजस्थान में अवैध खनन रोकने को नई खनन नीति

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में खनन को बढ़ावा देने, अवैध खनन रोकने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिहाज से प्रदेश में नई खनन नीति लागू करने की तैयारी की जा रही है। नीति का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। अगले माह तक नीति जारी होने की उम्मीद है। खनन नीति का प्रारूप तैयार करने को लेकर राज्य सरकार ने एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी पड़ौसी राज्यों की खनिज नीतियों का अध्ययन करने के साथ ही स्थानीय खनन व्यापारियों व विशेषज्ञों के साथ भी चर्चा करेगी।

loksabha election banner

इससे पहले प्रदेश में साल, 2015 में खनन नीति बनाई गई थी। इसके बाद साल, 2017, 2018, 2019 और 2020 में नियमों में संशोधन किया गया। लेकिन प्रदेश में अवैध खनन विशेष तौर पर बजरी माफियाओं के पनपने के कारण सरकार ने नई खनन नीति बनाने का निर्णय लिया है। इन खनन नीति बनाने के लिए खान विभाग के अतिरिक्त निदेशक एन.के.कोठारी सहित पांच अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

खान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल का कहना है कि नई खनन नीति बनाने को लेकर कमेटी ने काम शुरू कर दिया है। राज्य सरकार के जन घोषणा-पत्र के बिंदु इसमें शामिल होंगे। जानकारी के अनुसार बजरी खनन पर रोक के बाद बजरी की आपूर्ति को लेकर खड़े हुए संकट को मेनुफेक्चरिंग सैंड (एम सैंड) या कृत्रिम रेत से खत्म किए जाने पर विभागीय स्तर पर नीति तैयार है। विशेषज्ञ एम सैंड को न सिर्फ बजरी का बेहतर विकल्प मान रहे हैं, बल्कि इसे नदी बजरी से ज्यादा मजबूत भी बता रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में खनन से मिनरल निकलने के बाद बचे अपशिष्ट के पहाड़ खड़े हो गए हैं। अगर इस अपशिष्ट को एम सैंड में तब्दील कर दिया जाए तो बजरी की समस्या खत्म हो जाएगी। माना जा रहा है कि बजरी की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार शीघ्र निर्णय लेगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.