राजस्थान के सरकारी मंदिरों में होगा ऑनलाइन दान, दुनिया के किसी भी हिस्से से भेज सकते है दान राशि
राजस्थान में देवस्थान विभाग से जुडे मंदिरों में अब भक्तों को दान करने के लिए मंदिर आने की जरूरत नहीं है। वे दुनिया के किसी भी हिस्से से मंदिर में दान दे सकते है।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में देवस्थान विभाग से जुडे मंदिरों में अब भक्तों को दान करने के लिए मंदिर आने की जरूरत नहीं है। वे दुनिया के किसी भी हिस्से से मंदिर में दान दे सकते है। विभाग ने इसके लिए ऑनलाइन दान की व्यवस्था शुरू की है। श्रद्धालु गायों के लिए चारे, पक्षियों के लिए दाने से लेकर गरीबों के भोजन और वस्त्र तक के लिए ऑनलाइन मंदिरों में भेंट दे सकते है। देवस्थान विभाग की वेबसाइट पर जाकर भक्त सूची में शामिल मंदिरों में ऑनलाइन दान किया जा सकता है।
राजस्थान में देवस्थान विभाग के अधीन यू तो 59 हजार 469 मंदिर है। इनमें राजस्थान और राजस्थान के बाहर के राज्यों के कुछ मंदिर भी शामिल है। इनमे से 390 मंदिर पूरी तरह से सरकारी सहायता पर निर्भर मंदिर है। विभाग ने फिलहाल इनमें से भी 24 प्रमुख मदिरों और तीर्थ स्थलों के लिए ऑनलाइन दान देने की व्यवस्था शुरू की है। कुछ श्रद्धालु ऐसे भी होते है जो मंदिर के बजाए किसी खास देवी-देवता के नाम से दान देना चाहते है। उनके लिए भी व्यवस्था है और वेबसाइट पर 34 देवी देवताओं की सूची भी है, जिन्हे श्रद्धालु दान दे सकते है।
इस ऑनलाइन दान व्यवस्था का एक खास पहलू यह भी है कि इसमें दान का उद्देश्य और प्रयोजन पूछा जाता है। यानी आप किस उददेश्य के लिए मंदिर में दान देना चाहते है। इसमें कोई सफलता के लिए तो कोई खुद की सुरक्षा के लिए दान कर सकता है। श्रद्धालुओं के लिए कई विकल्प दिए गए है जैसे ग्रहशांति, पूर्वजों की याद में, सुरक्षा के लिए, समृद्धि के लिए संतान के लिए आदि। इसी तरह किस पेटे दान देना चाहते है, उसके विकल्प भी है जैसे कोई मंदिर में पूजन सामग्री के लिए दान देना चाहता है तो कोई पेड लगाने के लिए, कोई गायों के चारे के लिए तो कोई चिकित्सा सहायता के लिए। ऐसे करीब आठ दस विकल्प इसमें दिए गए है, जिनमे से एक चुन कर आप दान कर सकते है।
इन मंदिरों के लिए किया जा सकता है दान-
देवस्थान विभाग ने फिलहाल 24 मंदिरों में ऑनलाइन दान की व्यवस्था शुरू की है। ये सभी मंदिर राजस्थान के जाने माने धार्मिक स्थल है जहा बडी संख्या में श्रद्धालु आते है। इनमे भरतपुर के श्री बिहारी जी, बीकानेर के लक्ष्मीनारायण जी, बूंदी के श्री केशवरायजी, बीकानेर के करणीमाता मंदिर, पोकरण के रामदेव बाबा मंदिर, हनुमानगढ़ के श्री गोगाजी, झालावाड़ के श्री पद्मनाथ जी, राजसमंद के श्री गढ़बोर चारभुजाजी, टोंक के डिग्गी कल्याण जी, दौसा के श्री मेहंदीपुर बालाजी, जैसलमेर के श्री रामदेवरा, चूरू के श्री सालासर बालाजी, अजमेर के श्रीपुष्करजी, चित्तौडगढ़़ के श्री सांवलिया जी, बांसवाड़ा के श्रीत्रिपुरा सुंदरी, सीकर के खाटू श्यामजी, उदयपुर के एकलिंग जी, सवाईमाधोपुर के चैथ माता, चैथ का बरवाड़ा, डूंगरपुर में श्री बेणेश्वरधाम, जयपुर के श्री मदनमोहन जी, श्री खोल के बालाजी आदि मंदिर शामिल किए गए है। देवताओं में भी विष्णुजी से लेकर लोकदेवता गोगा जी और दुर्गा माता से लेकर शीतला माता को सूची में शामिल किया गया है।
दानदाताओ की सूची भी उपलब्ध
देवस्थान विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन दान करने वाले भक्तों की सूची भी उपलब्ध है। इसमें भक्त की ओर से दान का प्रयोजन व राशि भी लिखी होती है। चूंकि इस परियोजना का अभी ज्यादा प्रचार प्रसार नहीं हुआ है, इसलिए पिछले साल सितम्बर में शुरू हुई इस व्यवस्थ्ज्ञा के तहत फरवरी 2019 तक कुल 66 दानदाताओ ने ही तीन लाख रुपए दान के रूप में दिए है। इसमें किसी ने एक रूपया दिया तो किसी ने एक लाख भी दिया है।