Rajasthan: कांग्रेस के छह में से पांच राज्यसभा सांसद बाहरी, चुनाव जीतने के बाद स्थानीय लोगों से नहीं मिले
Rajasthan राजस्थान में कांग्रेस के दो राज्यसभा सांसद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल पहले से ही प्रदेश के बाहर से थे अब तीन और बाहरी हो गए। राज्यसभा में कांग्रेस की छह सीटों में से पांच सांसद बाहरी हैं एकमात्र नीरज डांगी स्थानीय हैं।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान से राज्यसभा की दस में छह सीटों पर अब कांग्रेस के सांसद हो गए हैं। वहीं, भाजपा के चार सांसद हैं। शुक्रवार को हुए चुनाव में कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने एक सीट जीती है। तीनों सीटें जीतने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बात को लेकर खुश हैं कि पार्टी आलाकमान कें समक्ष उनकी स्थिति अधिक मजबूत होगी। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सामने अब वे ज्यादा मुश्किल पैदा कर सकेंगे, लेकिन कांग्रेसियों को पीड़ा इस बात को लेकर है कि तीनों सांसद बाहरी हैं। इनमें से एक भी प्रदेश का मूल निवासी नहीं है। कांग्रेस के दो राज्यसभा सांसद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल पहले से ही प्रदेश के बाहर से थे, अब तीन और बाहरी हो गए। इस तरह राज्यसभा में कांग्रेस की छह सीटों में से पांच सांसद बाहरी हैं, एकमात्र नीरज डांगी स्थानीय हैं। शुक्रवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक (महाराष्ट्र) रणदीप सुरजेवाला (हरियाणा) और प्रमोद तिवारी (उत्तर प्रदेश) निर्वाचित हुए हैं। भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी स्थानीय हैं।
भाजपा बना रही मुद्दा, कांग्रेसियों ने भी उठाए थे सवाल
मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी को टिकट देने पर कांग्रेसियों ने नाराजगी जताई थी। विधायक भरत सिंह ने कहा था कि मेरी पीड़ा है कि चुनाव जीतने के बाद बाहरी "लाट साहब "बन जाते हैं। विधायकों व कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए इनके पास समय नहीं रहता है। सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार, विधायक संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर कहा था कि "कांग्रेस नेतृत्व तो यह बताना चाहिए कि राजस्थान के किसी भी कांग्रेसी नेता, कार्यकर्ता को राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाने का क्या कारण है"। प्रदेश महिला कांग्रेस की महामंत्री ममता वशिष्ठ ने विरोध में इस्तीफा दिया था। शनिवार को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस के लिए यह शर्म की बात है कि उसे कोई भी स्थानीय नेता नहीं मिला, सभी बाहरी लेकर आ गई। भाजपा इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाएगी। भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस को स्थानीय से ज्यादा बाहरी नेताओं में दिलचस्पी है। अशोक गहलोत गांधी परिवार को खुश करने में जुटे हैं।
मनमोहन सिंह और केसी वेणुगोपाल दूर ही रहे
2019 में मनमोहन सिंह और 2020 में केसी वेणुगोपाल राजस्थान से राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुए, लेकिन दोनों ने कभी प्रदेश के विधायकों व कार्यकर्ताओं के साथ संवाद नहीं किया। मनमोहन सिंह ने एक बार भी राजस्थान से जुड़ा सवाल राज्यसभा में नहीं पूछा। वेणुगोपाल ने अब तक 216 सवाल पूछे, उनमें से मात्र पांच सवाल राजस्थान से संबंधित थे। उन्होंने गृह प्रदेश केरल से जुड़े सवाल ज्यादा पूछे। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव चंद्रराज सिंघवी का कहना है कि स्थानीय के बजाय बाहरी नेता को प्राथमिकता देना पार्टी व प्रदेश के लिए दुर्भाग्य की बात है।
भाजपा नेतृत्व ने विधायक शोभारानी कुशवाह से मांगी रिपोर्ट
शुक्रवार को क्रास वोटिंग कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट देने वाली भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाह पिछले एक महीने से कांग्रेस और बसपा नेतृत्व के संपर्क में है। शोभारानी आगामी विधानसभा चुनाव कांग्रेस या बसपा के टिकट पर लड़ना चाहती है। इस बीच, भाजपा केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने शोभारानी को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा है। जवाब नहीं मिलने पर उन्हे पार्टी से निष्कासित किया जाएगा। विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया शुक्रवार को ही नोटिस जारी कर चुके हैं। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने प्रदेश इकाई से रिपोर्ट मांगी है।
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