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    Rajasthan: राजस्थान के किसान करेंगे सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Tue, 07 Jul 2020 08:12 PM (IST)

    Solar Energy In Rajasthan निगम के अध्यक्ष व प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा ने बताया कि इस योजना में राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसने किसानों की चयन प्रक्रि ...और पढ़ें

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    Rajasthan: राजस्थान के किसान करेंगे सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन

    राज्य ब्यूरो, जयपुर। Solar Energy In Rajasthan: बंजर और अनुपयोगी जमीन पर सोलर प्लांट लगाकर सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाली केंद्र सरकार की कुसुम योजना के तहत राजस्थान के 623 किसान सौर ऊर्जा से 722 मेगावॉट क्षमता का बिजली उत्पादन कर सकेंगे। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना कंपोनें-ए के अंतर्गत प्रदेश के किसानों को सौर ऊर्जा संयंत्र आवंटित किए हैं। निगम के अध्यक्ष एवं प्रमुख शासन सचिव (ऊर्जा) अजिताभ शर्मा ने बताया कि इस योजना में राजस्थान देश का पहला राज्य है, जिसने किसानों की चयन प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा यहां कुसुम योजना में सर्वाधिक क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित होंगे।

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    इसके अंतर्गत किसानों द्वारा स्वयं की अनुपयोगी या बंजर भूमि पर 0.5 से दो मेगावॉट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा सकती है। इससे किसानों को उनकी बंजर या अनुपयोगी भूमि से 25 वर्ष तक नियमित आय प्राा होगी। इसके साथ ही प्रदेश के किसानों को दिन के समय कृषि कार्य के लिए आसानी से बिजली मिल सकेगी। इसके अतिरिक्त वितरण निगमों की विद्युत नुकसान में तथा सिस्टम विस्तार पर होने वाले खर्च में भी कमी होगी। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा योजना के प्रथम चरण में वितरण निगमों के 33.11 केवी सब-स्टेशनों पर किसानों से विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे।

    इसके तहत राज्य के किसानों ने अभूतपूर्व उत्साह दिखाया और 674 किसानों ने 815 मेगावॉट क्षमता के आवेदन दिए। जिसमें से 623 किसानों को 722 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। किसानों द्वारा स्थापित संयंत्रों से उत्पादित बिजली विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा 3.14 रपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी जाएगी। चयनित किसानों एवं विकासकर्ताओं को संयंत्र स्थापित करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए निगम में एक विशेष सहायता प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा। शेष बची 1878 मेगावॉट क्षमता स्थापना के लिए अगले चरण की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी।