Rajasthan: चुनाव निकट आए तो कांग्रेस सरकार को याद आया धर्म, मंदिरों में फहराई पीली पताका
भाजपा पर सरकारी योजनाओं का भगवाकरण करने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस सरकार अब खुद ‘धर्म’ के रास्ते पर है। अशोक गहलोत सरकार ने गुरु-पुष्य संयोग पर सभी मंदिरों में पीली पताका फहराया और 40 हजार बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराने का एलान किया।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव निकट आते देख कांग्रेस सरकार हिंदू वोट बैंक को साधने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही है। अब तक भाजपा पर सरकारी योजनाओं का भगवाकरण करने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस सरकार अब खुद ‘धर्म’ के रास्ते पर है।
प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने बृहस्पतिवार को गुरु-पुष्य संयोग पर सभी मंदिरों में पीली पताका फहराई। देवस्थान विभाग के अधीन मंदिरों में बृहस्तिवार सुबह ऊं लिखी पीली पताका फहराने के साथ ही प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में विकास कार्य कराने की योजना प्रारंभ की गई है।
राजधानी जयपुर पीली पताका फहराने की शुरुआत सुबह सात बजे बड़ी चौपड़ स्थित कल्कि मंदिर से की गई। देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने कहा,पीला रंग गुरु को समर्पित है और ओम शक्ति का प्रतीक है। प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना स्वरूप देवस्थान विभाग नई शुरुआत कर रहा है।साथ ही बृहस्पतिवार के दिन सदियों से पीली वस्तु का उपयोग करने और वस्त्र पहनने की परंपरा रही है।
रावत ने कहा कि पीली पताका फहराने का मुख्य मकसद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ध्येय वाक्य ‘सेवा परमो धर्म’ के माध्यम से प्रदेश में खुशहाली का परचम लहराना है।उन्होंने कहा कि देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले 593 मंदिरों में सरकार के खर्च पर पीली पताकरा फहराई गई। साथ ही निजी मंदिरों को भी इसके लिए प्रेरित किया गया है।
गहलोत सरकार ने 593 मंदिरों में विकास कार्यों पर करीब छह करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है। कुछ मंदिरों में विकास कार्य प्रारंभ भी हो गए । गहलोत सरकार ने बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराने के लिए वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना के तहत एक साल में 40 हजार लोगों को विभिन्न धार्मिक स्थलों की तीर्थ यात्रा कराने का निर्णय लिया है।
रावत ने बताया कि 36 हजार बुजुर्गों को ट्रेन और चार हजार को विमान से तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी। इस योजना के तहत देश के दो दर्जन से ज्यादा प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़ा गया है।
गोविंद देव मंदिर का विकास होगा
जयपुर के अराध्यदेव माने जाने वाले गोविंद देवजी मंदिर का उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर विकास करने का भी निर्णय लिया गया है। साथ ही चित्तौड़गढ़ जिले में जलझूलनी एकादशी पर सांवरिया सेठ मंदिर के मेले में बस किराए में 50 फीसदी की छूट की घोषणा भी की गई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मंदिरों के अंशकालीन पुजारियों का मानदेय तीन हजार से बढ़ाकर पांच हजार किया गया है। गहलोत सरकर ने 1500 से ज्यादा गांवों में गौशाला खोलने का निर्णय लिया है। वहीं करीब छह महीने पहले प्रमुख शिव मंदिरों में सरकार की ओर से भगवान शिवजी का अभिषेक करवाया गया था।