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    Rajasthan Election 2023: ब्राह्मण समाज को राजस्थान में चाहिए 35 सीटों पर टिकट, तीन सितंबर को होगा महासंगम

    By Jagran NewsEdited By: Narender Sanwariya
    Updated: Wed, 28 Jun 2023 05:00 AM (IST)

    Rajasthan Election 2023 महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने बताया कि महासंगम के लिए दौसा लालसोट गंगापुर सिटी हिंडौन सिटी कोटा बूंदी बारां झालावाड़ सवाई माधोपुर करौली भरतपुर धौलपुर सहित 100 से ज्यादा बैठकें हो चुकी है। सर्व ब्राह्मण महासभा संभागीय अध्यक्ष भगवान मेनारिया ने बताया कि महासभा ने एक लंबी लड़ाई ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए लड़ी थी।

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    Rajasthan Election 2023: ब्राह्मण समाज को राजस्थान में चाहिए 35 सीटों पर टिकट, तीन सितंबर को होगा महासंगम

    उदयपुर, संवाद सूत्र। सर्व ब्राह्मण महासभा ने राजस्थान विधानसभा में 200 सीटों में से 35 पर अपने समाज के प्रत्याशियों के लिए टिकट मांगे हैं। मौजूदा विधानसभा में समाज के 17 विधायक हैं, लेकिन महासभा का कहना है कि उनका हक 35 सीटों का बनता है। दोनों दलों के सामने यह प्रस्ताव रखा जा रहा है। इसके लिए जयपुर में 3 सितम्बर को महासंगम किया जाएगा। इस महासंगम में पूरे राज्य के 51 हजार बूथ से 10 ब्राह्मणों को आमंत्रित किया गया है।

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    महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने बताया कि महासंगम के लिए दौसा, लालसोट, गंगापुर सिटी, हिंडौन सिटी, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर करौली, भरतपुर, धौलपुर सहित 100 से ज्यादा बैठकें हो चुकी है। मंगलवार को उदयपुर में भी बैठक हुई। मिश्रा ने कहा कि मुख्य एजेंडे के रूप में 14 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग, भगवान परशुराम विश्वविद्यालय की स्थापना, भगवान परशुराम की 111 फीट की प्रतिमा की स्थापना, प्रत्येक जिले में गुरुकुल की स्थापना, आरक्षण आंदोलन के मुकदमों को वापस लेना, बालिकाओं के लिए छात्रावास की स्थापना सहित अन्य प्रस्ताव महासंगम में लिए जाएंगे। पूरे प्रदेश में ब्राह्मणों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़े, ईडब्ल्यूएस आरक्षण में राजनीतिक आरक्षण भी हो यह सब विषय भी इस महासंगम में रखे जाएंगे।

    एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे आर्थिक आधार पर आरक्षण के पक्षधर हैं। ईडब्ल्यूएस में भी केन्द्र ने इतने कठोर नियम बनाए हैं जो समाज के लिए परेशानी बने हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि एक महिला के लिए उसके पति और पिता दोनों की आय की गणना क्यों की जाती है। उन्होंने कहा कि देश में 272 जातियां हैं जिनमें से 263 आरक्षण में शामिल हैं। शेष 9 में ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत, कायस्थ, सिंधी, पंजाबी, शेख, सैयद और पठान आते हैं। इन जातियों को भी सरकार को राहत प्रदान की जानी चाहिए।

    सर्व ब्राह्मण महासभा संभागीय अध्यक्ष भगवान मेनारिया ने बताया कि महासभा ने एक लंबी लड़ाई ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए लड़ी थी। उस समय महासभा ने लाखों समाजजनों के साथआरक्षण रैली आयोजित की थी और सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने उस समय मंच पर आकर समर्थन दिया था। महासभा ने मांग की है कि इस बार विधानसभा चुनाव में समाज का प्रतिनिधित्व बढ़े और समाज एकजुट होकर मताधिकार का उपयोग करे।

    सर्व ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष मथुरेश नागदा ने बताया कि 3 सितंबर को होने वाले महासंगम के प्रति समाज का जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इसलिए इस बार पहली बार प्रदेश की सभी 200 विधानसभाओं में से समाज बंधुओं को जयपुर बुलाया जाएगा और समाज हित में जो भी निर्णय इस महासंघ में लिए जाएंगे उन्हें समाज के हर परिवार तक पहुंचाया जाएगा। नागदा ने कहा कि महासंघ में ब्राह्मण की अस्मिता को मजबूत करने समाज को एकजुट करने के साथ ही राजनीतिक एवं सामाजिक रूप से समाज की ताकत को बढ़ाना एकमात्र उद्देश्य होगा।