Rajasthan: कोटा के अस्पताल में 103 बच्चों की मौत, सोनिया ने जताई नाराजगी; गहलोत बोले-ना हो राजनीति
Kota Child Deaths राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में अब तक 103 बच्चों की मौत के मामले को लेकर बवाल मचा हुआ है।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Thu, 02 Jan 2020 07:23 PM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। Kota Child Deaths: राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। यहां दिसंबर में 100 और नए साल के पहले दो दिन में यहां तीन बच्चों की मौत हो गई है। इन्हें मिलाकर बच्चों की हुई मौत का कुल आंकड़ा 103 हो गया है। एक तरफ जहां बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है, वहीं दूसरी तरह इस मुद्दे को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है।
इस बीच, कोटा में हुई बच्चों की मौत पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूरे देश में जो माहौल बना हुआ है, उससे ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि इस साल शिशुओं की मौत के आंकड़ों में पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी कमी आई है।मायावती ने गहलोत व प्रियंका पर निशाना साधा
उधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से उनकी मांओं की गोद उजड़ना अति दुखद और दर्दनाक है। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद और उनकी सरकार इसके प्रति अब तक उदासिन, असंवेदनशील और गैर जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति निंदनीय है। प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम लिए बिना मायावती ने कहा कि अगर कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थानके कोटा में जाकर मृतक बच्चों की मांओं से नहीं मिलती है तो यहां अभी तक किसी भी मामले में यूपी के पीड़ितों के परिवार से मिलना उनका यह सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ और नाटकबाजी ही मानी जाएगी, जिससे यूपी की जनता को सतर्क रहना चाहिए।
सीएम गहलोत बोले, बच्चों की मौत पर न हो राजनीतिसीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार दोपहर ट्वीट कर कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। कोटा के जेके लोन अस्पताल में बीमार बच्चों की मौत पर सरकार संवेदनशील है। कोटा के सरकारी अस्पताल में बच्चों की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे भी कम करने का प्रयास करेंगे, मां और बच्चा स्वास्थ रहें। यह हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का स्वागत है। हम उनसे विचार-विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में इंप्रूवमेंट के लिए तैयार है। निरोगी राजस्थान हमारी प्राथमिकता है।
बच्चों की मौत मामले पर सोनिया ने नाराजगी जताई, मांगी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बच्चों की मौत मामले पर नाराजगी जताते हुए प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे को तलब कर रिपोर्ट मांगी। सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले अविनाश पांडे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा से टेलीफोन पर बात की और फिर कांग्रेस अध्यक्ष को राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। पांडे ने बताया कि सोनिया गांधी ने इस मामले में गंभीरता दिखाई है, वे बच्चों की मौत को लेकर चिंतित है। इस मामले में राज्य सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है।
ओम बिड़ला और केंद्रीय मंत्री ने सीएम को पत्र लिखाकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्ध न ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर बच्चों की मौत के मामले में चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य सरकार को हर तरह की सहायता उपलब्ध कराने को तैयार है।
उधर, कोटा सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बच्चों की मौत मामले में चिंता जताते हुए कहा कि मैं खुद अस्पताल का दौरा कर के आया हूं, सरकार को इसमें सुधार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि मैने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव से इस बारे में बात करने के साथ ही सीएम को पत्र लिखा है। राज्य सरकार को संवेदनशीलता से बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर व्यापक इंतजाम करने चाहिए।
साल 2019 में हुई 963 बच्चों की मौतकोटा संभाग के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल में साल, 2019 में 963 बच्चों की मौत हुई। इनमें दिसंबर में 100 बच्चों की मौत होना शामिल है। नएये साल के पहले दो दिन में ही तीन बच्चों की मौत हुई है। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि यहां बच्चों की मौतों की संख्या में लगातार कमी आ रही है 2018 में 1005 शिशुओं की मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन पाइप लाइन नहीं होना और ठंड बच्चों की मौत का कारण है। अब तक सिलेंडरों से ऑक्सीजन पहुंचाया जाता था, जिससे इंफेक्शन का खतरा हमेशा रहता था। लेकिन अब पाइन लाइन बिछाने का काम शुरू किया जा रहा है। स्टाफ में बढ़ोतरी करने के साथ ही अन्य आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकतर शिशुओं की मौत मुख्यत: जन्म के समय कम वजन के कारण हुई है। मौत का कारण इलाज में खामी कतई नहीं है। बच्चे प्रीमैच्योर (समय से पहले जन्म) थे। किसी का बर्थ वेट बहुत कम था तो किसी को रेफर के दौरान परिजनों द्वारा सर्तकता नहीं बरतने से गंभीर हालात में अस्पताल पहुचाया गया था।कोटा अस्पताल में बच्चों की मौत पर ट्विटर पर जताई नाराजगी आइएएनएस के मुताबिक, कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत पर गुरुवार को ट्वीटर पर लोगों ने ट्वीट कर राजस्थान की गहलोत सरकार पर नाराजगी जताई। कोटा के दोषी और कोटा ट्रेजडी हैशटैग के साथ क्रमशः 4,176 ट्वीट्स व 7,794 ट्वीट किए गए। यूजर्स के मुताबिक, इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो और कोटा के दोशी को सजा मिलनी ही चाहिए।
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