Ration Card: एक देश एक राशन कार्ड योजना में जुड़े राजस्थान और हरियाणा
One Country One Ration Card Scheme. एक देश एक राशन कार्ड परियोजना के तहत राजस्थान व हरियाणा राज्य को आपस में जोड़ा गया है।
जयपुर, जेएनएन। केंद्र सरकार की एक देश एक राशन कार्ड परियोजना के तहत देश में नेशनल पोर्टेबिलिटी लागू करने के लिए राजस्थान व हरियाणा राज्य को आपस में जोड़ा गया है। अब इन राज्यों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी एक-दूसरे के राज्य में अपने राशन कार्ड से राशन सामग्री ले सकेंगे। यह व्यवस्था एक अक्टूबर से लागू हो गई है।
राजस्थान के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चन्द मीना ने बताया कि केंद्र सरकार के खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के निर्देशानुसार आगामी दिनों में एक देश एक राशनकार्ड योजना के तहत नेशनल पोर्टेबिलिटी भी लागू की जाएगी। इसके तहत देश का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का कोई भी लाभार्थी देश के किसी भी राज्य की राशन की दुकान से गेहूंं प्राप्त कर सकेगा। नेशनल पोर्टेबिलिटी लागू करने से पहले इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी के तहत देश के दो राज्यों को जोड़ा गया है। जिसके तहत राजस्थान राज्य को इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी में हरियाणा राज्य के साथ जोड़ा गया है।
खाद्य मंत्री ने बताया कि राज्य में इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू होने से हरियाणा व राजस्थान राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी एक-दूसरे राज्य की किसी भी राशन की दुकान से गेहूंं प्राप्त कर सकते हैं। राजस्थान के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी जो मजदूरी, धंधे व अन्य कारण से हरियाणा में जाते हैं, वे हरियाणा की राशन की किसी भी दुकान से अपना गेहूंं प्राप्त कर सकते हैं। इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू होने से लाभार्थियों को एक-दूसरे राज्य से राशन प्राप्त करने के लिए अलग से राशन कार्ड बनवाने की आवश्यकता भी नहीं रहेगी।
मीना ने बताया कि इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू करने से पहले इस सिस्टम का सफलता पूर्वक परीक्षण कर लिया गया है। इसके तहत राजस्थान के अलवर जिले के नीमराणा ब्लॉक के रामचन्द्र पुरा गांव के लाभार्थियों को हरियाणा राज्य के रेवाडी जिले के सुभासेरी गांव की राशन की दुकान पर गेहूंं का वितरण किया गया। इसी तरह हरियाणा राज्य के रेवाडी जिले के सुभासेरी गांव के लाभार्थियों को अलवर जिले के नीमराणा ब्लाॅक के रामचन्द्र पुरा गांव में राशन की दुकान पर पोस मशीन के द्वारा गेहूंं का वितरण किया गया।