Rajasthan: आरएसएस पदाधिकारियों व दफ्तरों की सुरक्षा का मुद्दा विधानसभा में गूंजा
Rajasthan Assembly. भाजपा विधायक दल के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आइबी की रिपोर्ट में राजस्थानपंजाब और महाराष्ट्र में संघ के नेता और दफ्तरों पर आतंकी हमले का खतरा है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Assembly. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारियों एवं दफ्तरों पर आतंकी हमले की आशंकाओं पर आईबी अलर्ट का मामला गूंजा। भाजपा विधायक दल के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने शून्यकाल में पर्ची के माध्यम से यह मामला उठाया। राठौड़ ने कहा कि आइबी की रिपोर्ट में राजस्थान,पंजाब और महाराष्ट्र में संघ के नेता और दफ्तरों पर आतंकी हमले का खतरा है।
पंजाब और महाराष्ट्र सरकार ने आइबी के अलर्ट के बाद आरएसएस के पदाधिकारियाो और दफ्तरों की सुरक्षा बढ़ा दी है, लेकिन राजस्थान सरकार ने इस पर आज तक कोई संज्ञान नहीं लिया। राजस्थान सरकार ने अब तक आरएसएस के दफ्तरों की सुरक्षा नहीं बढ़ाई है। राठौड़ ने राज्य सरकार से आरएसएस के दफ्तरों और नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। राठौड़ ने कहा 1925 में यह संगठन बना और वर्धा में महात्मा गांधी जब राष्ट्रीय सेवक संघ की सभा में गए थे। राठौड़ ने कहा कि भारती भवन मुख्यालय जो जयपुर के एमआइ रोड और सेवा भारती 22 गोदाम में स्थित है। बीकानेर के रानी बाजार,अजमेर में मातृ मंदिर एवं जोधपुर में भगत सागर में आरएसएस का दफ्तर है।
आइबी का रेड अलर्ट
राठौड़ ने कहा कि आइबी के रेड अलर्ट के पश्चात मैं यह बात यूं ही नहीं बोल रहा हूं। राठौड़ ने कहा कि मैं पूरी जानकारी के साथ बोल रहा हूं, महाराष्ट्र और पंजाब में संघ और संघ के नेताओं और संघ के कार्यालय पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। विशेष दस्ता तैनात किया गया है। जयपुर में जिस जगह पर भारती भवन है, वहां एक घंटे में पीएसयू प्रति घंटे में जाने वाले वाहनों की संख्या 1820 है। राठौड़ ने कहा कि आइबी के अलर्ट सरकार के पास आई है तो महाराष्ट्र में इंतजाम किए है, पंजाब में जो इंतजाम किया है, वही यहां होने चाहिए।
राठौड़ ने सरकार से कहा कि बहुत गंभीर मामला है। ईश्वर ना करें कोई अलकायदा के लोग, जैश-ए-मोहम्मद के लोग, मैं समझता हूं कि इन लोगों को प्रश्रय देने की आपकी मंशा नहीं रही होगी। राठौड़ ने कहा कि मुझे मालूम है सरकार कोई बंदोबस्त नहीं करेगी, लेकिन यह मामला सदन के रिकॉर्ड पर आ गया और अगर कोई बात हो गई तो सरकार की जिम्मेदार होगी।