'भोले की भक्ति में होती है शक्ति', पंडित प्रदीप मिश्रा बोले- भगवान शिव की आराधना करने वाला कभी दुखी नहीं रहता
कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कोई भी निर्णय करो सोच समझकर समझदारी से करना चाहिए और समय का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सबसे ज्यादा न्यायालय में तलाक के केस चल रहे हैं जो काफी शर्मनाक है। उन्होंने बताया कि हमेशा महिला और पुरुष को सोच समझकर कदम उठाना चाहिए और समय का इंतजार करना चाहिए।

अजमेर, राज्य ब्यूरो। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने ब्रह्मा की नगरी पुष्कर में शिव पुराण कथा का रसपान कराते हुए शुक्रवार को तीसरे दिन कहा कि भगवान शिव की आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं रहता। भगवान भोलेनाथ हर भक्त की सुनते हैं। भोले की भक्ति में शक्ति होती है। भगवान भोलेनाथ कभी भी किसी भी मनुष्य की जिंदगी का पासा पलट सकते हैं। बस भक्तों को भगवान भोलेनाथ पर विश्वास करना चाहिए और उनकी प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए।
इस दौरान मेला मैदान पूरा शिव भक्तों से खचाखच भरा नजर आया और भगवान के भजनों में शिवभक्त जमकर झूमे।
बरसात में भी पांडाल में हजारों शिव भक्तों ने डाल रखा है डेरा
तीर्थ नगरी पुष्कर में गत तीन दिनों से लगातार बरसात होने के बावजूद भक्त पांडाल में डंटे हुए हैं और भगवान की भक्ति में डूबे हुए हैं। पांडाल में शिव पुराण कथा के पहले और बाद में भक्त भगवान के भजनों में जमकर झूम रहे हैं तो वहीं गीत गाते हुए नजर आ रहे हैं।
'इंसान खराब नहीं होता उसका समय होता है खराब'
प्रदीप मिश्रा ने कथा के तीसरे दिन भक्तों को कहा कि इंसान कभी भी खराब नहीं होता उसका समय खराब होता है इसलिए समय को समझें और ऐसे समय को निकलने दें। यह एक समय चक्र होता है, जो हर इंसान की जिंदगी में आता है इसलिए ऐसे खराब समय में विवेक से कार्य करें।
'कोई भी निर्णय करो, सोच समझ कर करो'
कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कोई भी निर्णय करो, सोच समझकर, समझदारी से करना चाहिए और समय का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सबसे ज्यादा न्यायालय में तलाक के केस चल रहे हैं, जो काफी शर्मनाक है।
उन्होंने बताया कि हमेशा महिला और पुरुष को सोच समझकर कदम उठाना चाहिए और समय का इंतजार करना चाहिए, क्योंकि आजकल लोग रिश्ते तोड़ने वाले, भड़काने वाले ज्यादा मिल जाते हैं, लेकिन जोड़ने वाले बहुत कम मिलते है। इसलिए हमेशा जो भी निर्णय लें, वो सोच समझ कर लें, कोई भी कार्य बिना सोचे समझे नहीं करें और ना ही जल्दबाजी में कोई निर्णय लें।
'महिला कभी भी कमजोर व अबला नहीं होती'
कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि महिला कभी भी कमजोर और अबला नहीं होती। महिला में वह शक्ति है, जो पुरुष में नहीं होती। उन्होंने कहा कि जब महिला बच्चे को जन्म देती है तो उसका दूसरा जन्म होता है। इसलिए महिला को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए।
उन्होंने बताया कि आज वर्तमान में हमारी बेटियां बहुत आगे बढ़ रही हैं और नाम रोशन कर रही हैं। इसलिए हमारी बेटियों को कभी भी कमजोर नहीं समझा जाए।
'भैरव करते है शिव भक्त के दुखों का भक्षण'
प्रदीप मिश्रा ने बताया कि कथा कहती है कि भगवान शिव के अंश रूप भैरव हैं, भैरव क्षेत्र के देवता होते हैं। तथा 64 तरह के भैरव और भैरवी होते हैं। राजस्थान में भैरव भगवान के पूजन का विशेष महत्व है। कथा के अनुसार, भैरव का मुख्य कार्य भगवान महादेव जब नेत्र बंद करके साधना में लीन रहते हैं और जब कोई भक्त शिवालय में महादेव का पूजन और अराधना करता है तब भैरव उस भक्त के दुख को भक्षण कर उसको सुखी करके शिवालय से भेजता है। शिवालय के दो द्वारपाल मणिभद्र और वीरभद्र है।
उन्होंने बताया कि शिव मंदिर में भैरव के दर्शन शिवालय के निज मंदिर की चौखट के ऊपर होते हैं। उन्होंने कहा कि भैरव और भैरवी का मुख्य कार्य मनुष्य में जब अंहकार व क्रोध आ जाता है तब वह उसमें समा जाते है।
'मां सरस्वती में भैरवी आयी तब वह सावित्री बनी'
कथा कहती है कि ब्रह्माजी को थोड़ा अंहकार आ गया कि वह जगत कल्याण के लिए आयोजित यज्ञ करके संपूर्ण देवताओं को दिखाना है यह यज्ञ वे कर सकते हैं। तब काल भैरव ने मां लक्ष्मी से कहा कि ब्रह्मा जी की पत्नी सरस्वती जब श्रृंगार करने यज्ञ के समय पुष्कर में जाएंगी तब 64 भैरवी में से 1 भैरवी सरस्वती के अंदर सावित्री का रूप ले लेंगी और उसी सावित्री मां ने ब्रह्माजी को श्राप दे दिया कि उनका मंदिर व पूजा पुष्कर के अलावा कहीं नहीं होगी।
भगवान शिव व उनके अवतार की 3 परिक्रमा की जाती है
पं. मिश्रा ने बताया कि भगवान शिव व उनके अंश रूप हनुमान जी, भैरव व सहित सभी उनके अंश अवतारों की 3 परिक्रमा की जाती है। बताया कि शिवलिंग की आधी परिक्रमा कर नंदी दर्शन कर पुन: लौटने पर परिक्रमा पूरी मान ली जाती है। इसी तरह तीन बार आधी परिक्रमा पर नंदी दर्शन करने से तीन परिक्रमा पूरी मान ली जाती है। बताया कि बिना नंदी दर्शन के भगवान शिव की परिक्रमा पूरी नहीं मानी जाती है।
'भगवान शिव को पाने के लिए एक लौटा जल काफी है'
पं. मिश्रा ने उपस्थित शिव भक्तों को बताया कि शिव महापुराण कथा कहती है कि भगवान भोलेनाथ बहुत भोले हैं, उनको पाने के लिए किसी तंत्र, मंत्र, बहुत साधना और बहुत घंटों की अराधना और पूजा से नहीं, बल्कि केवल एक लौटा जल लेकर भगवान शंकर को समर्पित कर दें और सारी समस्या का हल हो जायेगा।
'सभी के घर में एक शिवलिंग जरूर हों'
पं. मिश्रा ने कहा कि सभी के घर में एक शिवलिंग जरूर होना चाहिए। बताया कि घर में जब शिवलिंग नहीं हो तब भक्त दीपक जलाये, उससे जो ज्योति निकलती है उसकी आकृति लिंग के रूप की होती है तब उस समय ज्योतिलिंग का स्मरण करो और अपने कार्य की सफलता की कामना करो।
'दिन में कथा और शाम को बारिश'
पं. मिश्रा ने कथा में कहा कि अजमेर व पुष्कर में धनपति, करोड़पति बहुत हैं, लेकिन शिव महापुराण कथा सुनने का सौभाग्य सभी के भाग्य में नहीं लिखा है, जो शिव के अनन्य भक्त हैं उनके ही भाग्य में कथा श्रवण लिखा है और महादेव परीक्षा ले रहे हैं कि तीर्थ नगरी पुष्कर में दिन में महादेव की कथा हो रही है और शाम को महादेव तेज बारिश कर रहे हैं।
पं. मिश्रा ने कहा कि इस संसार में कौन सुखी है, सभी दुखी है। किसी को शरीर का दुख, किसी का तन, मन और धन का दुख है इसलिए सभी दुखी है। उन्होंने श्रोताओं से कहा कि उनसे ज्यादा दुखी तो बड़े-बड़े महाराज है। उनके दुख को कोई दूर नहीं कर सकता है। अपने दुख को काटना है तो स्वयं को प्रयास करना पड़ेगा और महादेव के जल चढ़ावों सब दुख दूर हो जायेंगे।
'भगवान शंकर भूत प्रेत, पशु-पक्षियों, देवताओं व राक्षसों के देवता'
पं. मिश्रा ने कहा कि भगवान शंकर भूत-प्रेत, पिशाच, पशु-पक्षियों, देवताओं, असुर व राक्षसों के देवता है। कथा कहती है कि महादेव को जैसे रिझाओंगे वैसे ही शंकर रिझ जाते हैं। शिवजी की पूजन में कोई गलती व कमी नहीं होनी चाहिए, ये लोग कहते हैं, लेकिन अगर आप शिव को दिल से कहो और पुकारो तो महादेव उसे दिल से सुनेंगे। भोलेनाथ कभी भक्त की कोई गलती व कमी नहीं देखते हैं।
'भजनों पर मंत्रमुग्ध होकर किया नृत्य'
शिव शंकर जपु तेरी माला, भोला सब दुख काटों, खाली ना जाता कोई दर से तुम्हारें, अपने हृदय से लगा लो, लगा लो गिरा जा रहा हूं उठा लो उठा लो, हम सबके कल्याण कर दे भोले बाबा, हर मुश्किल आसान कर दे भोले बाबा, ये दुनिया वाले जलते हैं भोले बाबा के भरोसे चलते हैं, श्री शिवाय नमुस्तभ्यं आदि भजनों की प्रस्तुति उपस्थित श्रोता जमकर झूमें।
'पुष्कर में 11 जुलाई तक यात्री कर व पार्किंग शुल्क माफ'
पुष्कर में चल रही शिव महापुराण कथा के दौरान यहां आने वाले शिव भक्तों सहित सभी श्रद्धालुओं से आगामी 11 जुलाई तक पालिका के यात्री कर नाकों पर अब न तो यात्री कर देना होगा और न ही वाहन पार्किंग शुल्क। आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ की पहल पर नगर पालिका के ठेकेदार ने सभी श्रद्धालुओं को यह राहत प्रदान की है।
'कथा सुनने आई गंगानगर की महिला ने तोड़ा दम'
शिव महापुराण कथा में आई गंगानगर की एक महिला शिव भक्त की हृदय गति रुक जाने की वजह से मौत हो गई। उसके परिजन रात को ही शव अपने घर ले गए।
जानकारी के अनुसार, गंगानगर से करीब 55 वर्षीय महिला शिव भक्त अपने परिवार के साथ कथा सुनने के लिए आई थी। बुधवार को पहले दिन की कथा के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। रात करीब 10.30 बजे परिजन उसे 108 एंबुलेंस से पुष्कर अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉ. अभिजीत सोनी ने बताया कि महिला की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी।
देवनानी ने लिया आशीर्वाद
पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को पुष्कर मेला मैदान पहुंच कर चल रही शिव महापुराण कथा में धर्म लाभ हासिल किया और अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक प्रदीप मिश्रा को माला और शॉल पहनाकर आशीर्वाद लिया।
देवनानी ने सुखसागर नामक धार्मिक साहित्य की एक प्रति भी भेंट की जिसमें पुराणों का सारांश उल्लेखित है। प्रदीप मिश्रा से संक्षिप्त वार्तालाप में देवनानी ने कहा की जगत पिता ब्रह्मा की नगरी में आकर सावन मास में शिव महापुराण कथा वाचन से पूरा अजमेर अभिभूत हुआ है और लाखों लोग कथा वाचन के जरिए धर्म लाभ कमा रहे हैं और इसी तरह से उनका मार्गदर्शन लगातार मिलता रहे जिससे लोगों का सनातन संस्कृति से जुड़ाव और ज्यादा मजबूत हों।
देवनानी के साथ पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष शिवस्वरूप महर्षि, पूर्व अध्यक्ष, कमल पाठक, वरिष्ठ भाजपा नेता सीताराम शर्मा, सुनील राजावत, अरुण वैष्णव आदि सहभागी बने।
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