Motor Vehicles Act: राजस्थान में अब वाहन के आगे नाम,जाति और पद नहीं लिख सकेंगे, निर्देश जारी
राजस्थान में अब वाहन मालिक अपने निजी वाहनों पर अपना नाम पद जाति भूतपूर्व पद या संगठनों के पदों का नाम गांव का नाम तथा विभिन्न चिन्ह नहीं लिखवा सकेंगे।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में अब वाहन मालिक अपने निजी वाहनों पर अपना नाम, पद, जाति, भूतपूर्व पद या संगठनों के पदों का नाम, गांव का नाम तथा विभिन्न चिन्ह नहीं लिखवा सकेंगे। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी कर आवश्यक रूप से पालना कराने के निर्देश दिए है।
पुलिस मुख्यालय में तैनात यातायात एसपी चूनाराम जाट की तरफ से प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों, पुलिस कमिश्नरों और रेंज महानरीक्षकों को मंगलवार को एक पत्र लिखा गया है। राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में पुलिस मुख्यालय को 20 अगस्त को आदेश जारी किए थे। इस पर पुलिस मुख्यालय से सभी पुलिस अधीक्षकों, रेंज महानरीक्षकों एवं पुलिस कमिश्नरेट के लिए मंगलवार को आदेश जारी किए।
जानकारी के अनुसार सामाजिक संस्था नागरिक अधिकार संगठन के महासचिव सुरेश सैनी ने 9 अगस्त को एक पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखा था। इसमें बताया कि कई लोग अपने वाहनों पर अपना नाम, जाति, संगठनों का पद नाम, विभिन्न चिन्ह, भूतपूर्व पद, गांव के नाम लिखवाकर दुरुपयोग कर रहे है। यह परम्परा दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
दिन-प्रतिदिन वाहन चालकों में बढ़ रही ऐसी गतिविधियों से अशांति का वातावरण पनप रहा है, जो चरम पर है। सैनी ने कहा कि इस परपंरा से जातिवाद भी पनप रहा है। इसके साथ ही सड़क सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में भी वाहनों पर लिखवाए गए विभिन्न चिन्ह, स्लोगनों की वजह से अन्य वाहन चालकों का ध्यान भंग होता है। इससे सड़क दुर्घटना होने की आशंका रहती है।
ऐसे में इस घातक गतिविधि को प्रतिबंधित करवाए। इस पर गृह (सुरक्षा) विभाग के वरिष्ठ शासन उप सचिव रवि शर्मा ने 20 अगस्त को पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखकर इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे।
मोटर व्हीकल एक्ट पर परिवहन मंत्री ने बैठक ली
सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट पूरे देश में लागू हो गया,लेकिन राजस्थान में अब तक इसे लागू करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं हो सका है। तीन दिन पहले एक्ट को प्रदेश में लागू करने से इंकार करने के बाद एक दिन पहले प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक्ट को संशोधन के साथ लागू करने की बात कही थी। इस संबंध में मंगलवार को उन्होंने परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली।
इस बैठक में माना गया कि सेंट्रल एक्ट होने के कारण इसे लागू तो किया जाएगा,लेकिन इसमें संशोधन किया जाना जरूरी है। सरकार जुर्माना राशि में संशोधन करने पर विचार कर रही है । अधिकारिक निर्णय के बाद नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।