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    Jaipur Parkota Area में भवन निर्माण के बनेंगे नए नियम

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Thu, 10 Oct 2019 01:13 PM (IST)

    Jaipur Parkota area. गुलाबी नगर की पहचान रखने वाले जयपुर के परकोटा क्षेत्र यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में इसी वर्ष शामिल किया गया है।

    Jaipur Parkota Area में भवन निर्माण के बनेंगे नए नियम

    राज्य ब्यूरो, जयपुर। जयपुर के परकोटा क्षेत्र को विश्व विरासत सूची में बनाए रखने के लिए राजस्थान सरकार ने काम शुरू कर दिया है। यहां भवन निर्माण, मरम्मत आदि के लिए सरकार नए नियम बना रही है। वहीं, जयपुर की इमारतों के बाहरी स्वरूप में एकरूपता के लिए भी नियम बनाए जाएंगे।

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    गुलाबी नगर की पहचान रखने वाले जयपुर के परकोटा क्षेत्र यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में इसी वर्ष छह जुलाई को शामिल किया गया है। इस सूची में जयपुर के बने रहने के लिए जयपुर नगर निगम और सरकार ने यूनेस्को से कुछ वादे किए थे, जिनमें परकोटा क्षेत्र का अतिक्रमण से मुक्त करना, प्रदूषण से मुक्त करना और यहां की इमारतों व बाजारों का ऐतिहासिक स्वरूप कायम रखने के काम शामिल हैं। इनमें से क्या काम किए और कितने काम अब तक हो गए इसके बारे में इस वर्ष दिसंबर में एक रिपोर्ट यूनेस्को को भेजी जानी है। सरकार को एक वर्ष में अपने किए वादों पर अमल करना जरूरी है अन्यथा अगले वर्ष जयपुर से तमगा छिन सकता है। यही कारण है कि अब सरकार इस मामले को लेकर सक्रिय होती नजर आ रही है।

    प्रदेश के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की है। बैठक में तय किया गया है कि 14 से 18 अक्टूबर तक जयपुर के परकोटा क्षेत्र की ड्रोन से मैपिंग कराई जाएगी। इसके जरिये एक-एक इमारत के निर्माण और उसके लैंड यूज का पता चल सकेगा और यह भी सामने आएगा कि कहां-कहां कितना अतिक्रमण है, जिसे हटाया जाना जरूरी है। इस मैपिंग से पूरे परकोटा क्षेत्र की तस्वीर सामने आ जाएगी, जो भविष्य में भी यहां किए जाने वाले विकास कार्यो में सहायक रहेगी। इसके साथ ही परकोटा क्षेत्र के लिए विशेष भवन नियमों का प्रारूप जारी कर आमजन से आपत्तियां मांगी जाएंगी। इन भवन नियमों के आधार पर ही जयपुर के परकोटा क्षेत्र में नया निर्माण या पुराने निर्माणों की मरम्मत की जा सकेगी।

    नए नियम विश्व विरासत की शर्तो के अनुरूप होंगे। इसके साथ ही जयपुर परकोटा क्षेत्र की इमारतों का बाहरी स्वरूप एक जैसा रहे और उनके रंग और डिजाइन में एकरूपता रहे, इसके लिए गाइडलाइंस भी जारी की जाएंगी। गौरतलब है कि परकोटा क्षेत्र में सभी इमारतों का बाहरी रंग गुलाबी है और बाहरी स्वरूप में भी बहुत हद तक एकरूपता है। लेकिन पिछले कुछ समय में हुए नए निर्माणों में रंग और बाहरी स्वरूप की एकरूपता खत्म हो रही है। यही कारण है कि इसे लेकर सरकार नियम जारी कर रही है।

    इसके साथ ही मंत्री शांति धारीवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि परकोटे में विरासत से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए ताकि नए अतिक्रमण और समस्याएं पैदा न हों। गौरतलब है कि यूनेस्को की टीम ने जयपुर में अतिक्रमण पर गंभीर सवाल उठाए थे और इसी आधार पर एक बार तो जयपुर का दावा अगले वर्ष तक के लिए स्थगित होने की स्थिति आ गई थी। बाद में अधिकारियों को यहां से भेजा गया और सरकार की ओर से दी गई तय समय में काम करने के वादे के बाद विश्व विरासत का दर्जा मिल पाया है।

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