Rajasthan Election 2023: सांसदों व कुछ विधायकों ने की CM पद के लिए भूपेंद्र के नाम की पैरवी, नेताओं की गुटबाजी ने बढ़ाई BJP आलाकमान की चिंता
Rajasthan Assembly Elections 2023 पहली सूची से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थानीय पदाधिकारी भी नाखुश बताए जा रहे हैं। गुटबाजी और प्रत्याशियों के विरोध को थामने के लिए केंद्रीय अमित शाह शनिवार को जयपुर पहुंचेंगे। वह यहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे । इस बीच दो सांसदों और कुछ विधायकों ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे बढ़ाया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में 41 भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद उत्पन्न हुआ विवाद अब भी जारी है। गुरुवार को तीसरे दिन एक दर्जन प्रत्याशियों के विरोध का दौर जारी रहा। प्रत्याशियों के बढ़ते विरोध और प्रदेश के नेताओं में व्याप्त गुटबाजी ने भाजपा आलाकमान की चिंता बढ़ा दी है। पहली सूची से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्थानीय पदाधिकारी भी नाखुश बताए जा रहे हैं।
अमित शाह शनिवार को जयपुर पहुंचेंगे
गुटबाजी और प्रत्याशियों के विरोध को थामने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को जयपुर पहुंचेंगे। वह यहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे । इस बीच दो सांसदों और कुछ विधायकों ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे बढ़ाया है। शाह की यात्रा से पहले गुरुवार को केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ की बैठक हुई।
सांसदों ने भाजपा आलाकमान को पहुंचाया संदेश
सूत्रों के अनुसार, बैठक में अब तक घोषित टिकटों में से आधा दर्जन सीटों पर पार्टी के मजबूत बागियों के चुनाव लड़ने की घोषणा से होने वाले नुकसान की समीक्षा की गई। इस बीच दो सांसदों और कई विधायकों ने भाजपा आलाकमान को संदेश पहुंचाया है कि बढ़ती गुटबाजी को रोकने के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का चेहरा आगे किया जा सकता है।
कैसे लगेगी गुटबाजी पर लगाम?
चुनाव के बाद बहुमत मिलने पर यादव को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर पार्टी नेताओं में अभी से अनौपचारिक संदेश दिया जाना चाहिए। ऐसा करने से गुटबाजी पर काफी हद तक लगाम लग सकती है। यादव प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं। हालांकि, यादव प्रदेश की राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखते हैं। पहली सूची जारी होने के बाद से वसुंधरा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अगली सूचियों में वसुंधरा समर्थकों को दिया जाएगा महत्व
आलाकमान को वसुंधरा की नाराजगी का डर सता रहा है। ऐसे में शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा आगामी दिनों में वसुंधरा के साथ शेष 159 सीटों पर टिकट तय करने को लेकर चर्चा करेंगे । सूत्रों के अनुसार अगली सूचियों में वसुंधरा समर्थकों को महत्व दिया जाएगा।
नेताओं को सौंपा बागियों को मनाने का जिम्मा टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर चुनाव लड़ने की घोषणा करने वालों एवं नाराज नेताओं को मनाने का जिम्मा भाजपा ने वरिष्ठ नेताओं को सौंपा है। इसी सिलसिले में गुरुवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अजमेर, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी पाली और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया श्रीगंगानगर पहुंचे।
अरुण सिंह नाराज नेताओं से किया संपर्क
अरुण सिंह भी फोन पर नाराज नेताओं से संपर्क साधते रहे। जानकारी के अनुसार, अलवर सांसद बाबा बालकनाथ और सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने यादव को चुनाव के बाद सीएम बनाने की आलाकमान के समक्ष वकालात की है।
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कुछ विधायक भी इस प्रस्ताव से सहमत बताए जाते हैं। माथुर व किरोड़ी वसुंधरा के साथ सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ प्रभारी ओमप्रकाश माथुर और राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने वसुंधरा राजे के पक्ष में आलाकमान के समक्ष अपनी बात पहुंचाई है। दोनों नेताओं ने कहा कि प्रदेश में अब भी वसुंधरा ही लोकप्रिय चेहरा हैं। केंद्रीय मंत्री शेखावत का रुख भी वसुंधरा के प्रति नरम बताया जाता है।
क्या कहा प्रदेशाध्यक्ष जोशी ने?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुकबाले में भाजपा के पास वसुंधरा ही ऐसी नेता हैं, जिनकी पूरे प्रदेश में पहचान है। उधर, हिंडौन, नगर, सांचौर, कोटपुतली, तिजारा, किशनगढ़, देवली, उनियारा, झोटवाड़ा, विद्याधर नगर व बानसूर में घोषित प्रत्याशियों का विरोध लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। प्रदेशाध्यक्ष जोशी ने कहा कि प्रत्याशी प्रतिकात्मक हैं। हमारा प्रत्याशी कमल का फूल है। नाराज नेताओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी को मना लिया जाएगा।
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