Rajasthan: मेघना चौधरी ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सचिव का पद भार संभाला, कहा-प्रश्नपत्रों की गोपनीयता बरकरार रखना पहली प्राथमिकता
Rajasthan मेघना चौधरी ने सोमवार को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सचिव का पद भार ग्रहण कर लिया है। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि बोर्ड की परीक्षा समय पर कराना और प्रश्नपत्रों की गोपनीयता बरकरार रखना होगी प्राथमिकता।

अजमेर, संवाद सूत्र। राजस्थान राज्य सेवा की वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मेघना चौधरी ने सोमवार को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सचिव का पद भार ग्रहण कर लिया है। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि बोर्ड की परीक्षा समय पर कराना और प्रश्नपत्रों की गोपनीयता बरकरार रखना होगी प्राथमिकता। मेघना ने कहा कि उन्होंने अभी पद भार ग्रहण करने के पेपर पर साइन किया है। अब मीटिंग कर स्थिति का पता किया जाएगा कि बोर्ड परीक्षा से संबंधित तैयारियों की वस्तु स्थिति क्या है। उन्होंने कहा कि पूर्व में बोर्ड सचिव और अध्यक्ष पद पर रहे अधिकारियों ने परीक्षा तैयारियों को कहा छोड़ा है, उसमें आगे क्या करना है इस पर विचार-विमर्श कर उपयुक्त निर्णय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें अभी नहीं मालूम कि बोर्ड परीक्षा प्रश्न पत्र छपाई के लिए दिए जा चुके हैं या नहीं। दिए गए हैं तो किस प्रिंटिंग प्रेस को गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बोर्ड के प्रश्न पत्रों की गोपनीयता बरकरार रखने से संबंधित जो भी उचित होगा, निर्णय किया जाएगा। मेघना ने कहा कि पूर्व में बोर्ड प्रश्न पत्र जिला मुख्यालयों पर ट्रेजरी में जिला प्रशासन की जिम्मेदारी पर रखे जाते थे। रीट परीक्षा और उससे संबंधित सवालों को मेघना चौधरी ने टाल दिया। कहा पहले वे बोर्ड सचिव के रूप में अपना काम संभाल ले फिर बात करेंगे।
इसलिए हुई मेघना की नियुक्ति
26 सितंबर, 2021 को हुई राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) को लेकर राजस्थान में कांग्रेस सरकार की जो फजीहत हो रही है, उसे देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेघना चौधरी को फिर नियुक्त किया है। इसके साथ ही आइएएस और अजमेर में ही कर बोर्ड के सदस्य लक्ष्मी नारायण मंत्री को शिक्षा बोर्ड में प्रशासक नियुक्त किया है। हालांकि अभी तक सरकार ने रीट परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय नहीं लिया है, लेकिन परीक्षा को निरस्त करने और रीट घोटाले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग को लेकर सरकार पर चौतरफा दबाव है। घोटाले की गूंज लोकसभा में हो चुकी है। राज्य में नौ फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। हालांकि सरकार ने रीट परीक्षा लेने वाले माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त और सचिव अरविंद सेंगवा को निलंबित कर दिया है, लेकिन रीट घोटाले को भाजपा के विधायक पुरजोर तरीके से विधानसभा में उठाएंगे।
दो बार रीट और पांच बार बोर्ड परीक्षा निर्विध्न करा चुकी हैं मेघना चौधरी
मेघना पहले भी वर्ष 2015 से 2020 तक बोर्ड में सचिव रह चुकी है। मेघना के कार्यकाल में ही वर्ष 2015 व 2017 में शिक्षा बोर्ड ने रीट की परीक्षा आयोजित की। 2017 की रीट परीक्षा का विवाद हाई कोर्ट तक पहुंचा। तब मेघना स्वयं हाईकोर्ट में उपस्थित होती रहीं और बोर्ड का पक्ष प्रभावी तरीके से रखा। तब कांग्रेस विधायक के नाते गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा में खूब हंगामा किया। विधानसभा के सवालों के जवाब भी मेघना ने भेजवाए। प्रदेश में अब तक पांच बार रीट की परीक्षा हुई है, इसमें से दो परीक्षाएं मेघना के कार्यकाल में हुईं। मेघना के कार्यकाल में शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं भी पांच बार सफलतापूर्वक हुई।
आगामी चीन मार्च से होनी है बोर्ड परीक्षाएं
मौजूदा समय में बोर्ड के सचिव का पद इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि तीन मार्च से वार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी है। इन परीक्षा में प्रदेश के 20 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार, बोर्ड ने अभी तक भी प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस का चयन नहीं किया है। डीपी जारोली के अध्यक्ष रहते शिक्षा बोर्ड का आंतरिक माहौल भी खराब है। मेघना के सामने सबसे बड़ी चुनौती बोर्ड में अनुशासन को कायम करने की होगी। यदि बोर्ड दफ्तर में अनुशासन हो जाए तो दूसरी चुनौतियों से मुकाबला किया जा सकता है। मेघना चौधरी की प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए ही राज्य सरकार ने उन्हें दोबारा से बोर्ड का सचिव नियुक्त किया है।
मेघना ने पूर्व में स्वयं कराया था तबादला
मेघना पूर्व में भाजपा शासन में बोर्ड की सचिव नियुक्ति हुई थी, लेकिन कांग्रेस शासन में भी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने दो वर्ष तक बोर्ड का सचिव बनाए रखा। सूत्रों के अनुसार, डीपी जारोली से पटरी नहीं बैठने के कारण मेघना ने स्वयं ही अपना तबादला करवा लिया। मेघना के हटने के बाद बोर्ड का माहौल राजनीतिक सरपरस्ती में अच्छा नहीं रहा। परिणाम अब कांग्रेस सरकार भुगत रही है।
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