Jaipur Tanker Blast: 8 घंटे लगी रही आग, 10KM दूर तक सुनाई पड़ा धमाका, क्या पुलिसवालों की वसूली से हुआ इतना बड़ा हादसा?
जयपुर में शुक्रवार की सुबह एक भीषण हादसा हुआ। यहां एलपीजी गैस टैंकर को यू-टर्न पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। इसके बाद गैस का रिसाव हुआ। गैस प ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जयपुर। जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुक्रवार तड़के भांकरोटा में हुए भयानक हादसे के पीछे दो प्रमुख वजहें सामने आ रही हैं। इनमें एक तो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के काम की गति का धीमे होना और दूसरा उस यू-टर्न पर पुलिसकर्मियों की अवैध वसूली माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि एनएचएआई ने टोल वसूली के लिए रिंग रोड के आवश्यक कार्य पूरा हुए बिना खोल दिया। इस वजह से हादसा हुआ। इतने बड़े हादसे के बाद भी जिम्मेदारों ने कोई सबक नहीं लिया, शनिवार को भी घटनास्थल के पास उसी यू-टर्न से वाहन चालक मुड़ते दिखे।
एनएचएआई ने क्या कहा?
एनएचएआई के परियोजना निदेशक अजय आर्य का कहना है कि जो कट खोला गया था, उसका मकसद अजमेर से जयपुर आने वाले भारी वाहनों को रिंग रोड पर डायवर्ट करना है। प्राधिकरण व पुलिस की सहमति से कट खोलकर यातायात का डायवर्जन किया गया।
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एनएचएआई ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में घटना को रोकने के लिए सुझाव दिए हैं, जिनमें ज्वलनशील पदार्थ लेकर सड़क पर चलने वाले वाहनों के लिए स्कार्ट सिस्टम शुरू करने और घटनास्थल पर 24 घंटे यातायात पुलिसकर्मी तैनात करने की बात कही है।
तो पुलिस की वसूली से हुआ हादसा!
एनएचएआई ने घटनास्थल से अजमेर तक 10 फ्ईइओवर तो बना दिए, लेकिन तीन फ्लाईओवर अभी तक शुरू नहीं हो सके हैं। इस वजह से जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हमेशा जाम रहता है। जांच में सामने आया कि जहां टैंकर यू टर्न ले रहा था, उस कट को कुछ समय पहले ही राजमार्ग के दोनों तरफ काम करने के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन रिंग रोड दूर होने के कारण कट को फिर से खोल दिया गया।

इसके पीछे यातायात पुलिस की वसूली की बात सामने आई है। यू-टर्न लेते समय वाहनों की गति धीमी हो जाती है और यातायात पुलिसकर्मी वहां विभिन्न कारणों का भय दिखाते हुए वाहनों को रोककर उनसे वसूली करते हैं।
सीएम ने दिए विशेष अभियान के निर्देश
मुख्यमंत्री भजनलाल ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को ब्लैक स्पॉट को ठीक करने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। प्रदेश में करीब 2350 करोड़ रुपये की लागत से ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने का काम किया जा रहा है। उधर, एनएचएआई ने 40 ब्लैक सॉपाट्स चिन्हित कर 812.74 करोड़ रुपये की लागत से इन्हें सुधारने में जुटा है। एनएचएआई और सार्वजनिक निर्माण विभाग प्रदेश में कुल 176 ब्लैक सॉपाट्स को सुधारने का काम कर रहा है।
एलपीजी गैस ने मचाई तबाही
शुक्रवार की सुबह जयपुर में एलपीजी गैस टैंकर को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इसके बाद करीब 18 टन गैस का रिसाव हुआ। कुछ ही समय बाद तेज धमाके के साथ पूरे इलाके में भीषण आग लग गई। हादसे में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है। 30 से अधिक लोग झुलसे हैं। जानकारी के मुताबिक करीब आठ घंटे तक आग लगी रही। वहीं धमाके की आवाज लगभग 10 किमी दूर तक सुनी गई। घटनास्थल से करीब 300 मीटर तक मौजूद 40 वाहन भी जल गए हैं।

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