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    Kota Child Deaths: कोटा में एक और बच्ची की मौत, 36 दिन में 111 तक पहुंचा मौत का आंकड़ा

    राजस्थान में कोटा के जेकेलोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को एक और बच्ची की मौत हो गई। अब तक यहां 36 दिन में 111 बच्चों की मौत हो चुकी है।

    By Preeti jhaEdited By: Updated: Mon, 06 Jan 2020 01:13 PM (IST)
    Kota Child Deaths: कोटा में एक और बच्ची की मौत, 36 दिन में 111 तक पहुंचा मौत का आंकड़ा

    जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में कोटा के जेकेलोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को एक और बच्ची की मौत हो गई। अब तक यहां 36 दिन में 111 बच्चों की मौत हो चुकी है। सोमवार सुबह बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। करीब दो घंटे तक हुए हंगामे के बीच जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर मामला शांत कराया। उधर अजमेर के जेएलएन अस्पताल में शनिवार से लेकर रविवार शाम तक 24 घंटे में 7 नवजात बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। यहां अस्पताल प्रशासन ने बच्चों की मौत पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

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    चार दिन का था नवजात

    कोटा के जेकेलोन अस्पताल में सोमवार सुबह जिस बच्ची की मौत हुई वह मात्र चार दिन की थी। बच्ची की मौत पर उसके परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। परिजनों की चिकित्सकों और सुरक्षा गार्डों से कहासुनी हो गई। सूचना पर अस्पताल पहुंचे जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने मामला शांत कराया।

    जानकारी के अनुसार मांडलगढ़ निवासी गर्भवती रफीका बानो को प्रसव पीड़ा होने के बाद शुक्रवार को जेके लोन में भर्ती करवाया गया था। वहां ऑपरेशन से उसने बच्ची को जन्म दिया था। सोमवार को दूध पिलाने के एक घंटे बाद एनआईसीयू वार्ड में बच्ची ने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक मरीज के इलाज के बारे में कुछ नहीं बताते। सुबह के वक्त परिजनों को अस्पताल से बाहर कर दिया जाता है।

    वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दूध पिलाने के बाद बच्ची को डकार नहीं दिलाने से उसकी सांस अटक गई और मौत हो गई, लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है। रफीका बानो का कहना है कि जब उसने दूध पिलाया तो बच्ची स्वस्थ थी, बाद में मौत हुई।

    अस्पताल का विस्तार होगा, उपकरण नए खरीदे जाएंगे

    कोटा जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने बताया कि एक बैड पर दो से तीन और वार्मर में एक से दो बच्चों को रखे जाने की समस्या को देखते हुए सरकार ने अस्पताल का विस्तार करने के निर्देश दिए हैं। अब बच्चों के लिए 150 बेड की क्षमता के नए वार्ड बनाए जाएंगे। इसमें से कुछ वार्ड गंभीर बच्चों के इलाज के लिए एनआईसीयू और पीआईसीयू होंगे। शिशु रोग विभाग में सरकार ने 5 नये डॉक्टर लगा दिए हैं। अस्पताल में 8 वेंटिलेटर, 28 रेग्यूलाईजर,10 पल्स ऑक्सीमीटर खरीदने के साथ ही ऑक्सीजन लाइन बिछाई जाएगी ।