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    Karanpur Vidhan Sabha Chunav Result : राजस्थान में भजनलाल सरकार को बड़ा झटका, करणपुर सीट से मंत्री की हार; कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह जीते

    राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भजनलाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। यहां से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी 12570 वोटों से चुनाव हार चुके हैं। आपको बता दें कि भाजपा इस उपचुनाव से पहले ही टीटी को भजनलाल कैबिनेट में मंत्री बना चुकी थी इसलिए इस चुनाव में बीजेपी का काफी कुछ दांव पर लगा हुआ था।

    By Jagran News Edited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Mon, 08 Jan 2024 12:59 PM (IST)
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    श्रीगंगानगर जिले के करणपुर विधानसभा सीट के लिए वोटों की गिनती सोमवार सुबह 8 बजे शुरू हुई।

    ऑनलाइन डेस्क, जयपुर। Karanpur Vidhan Sabha Chunav Result: राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भजनलाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। यहां से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी 12570 वोटों से चुनाव हार चुके हैं। आपको बता दें कि भाजपा इस उपचुनाव से पहले ही टीटी को भजनलाल कैबिनेट में मंत्री बना चुकी थी, इसलिए इस चुनाव में बीजेपी का काफी कुछ दांव पर लगा हुआ था। कांग्रेस प्रत्याशी रूपिंदर सिंह कूनर ने सुरेंद्र पाल टीटी को 12570 वोटों से हरा दिया है।

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    अशोक गहलोत ने कुन्नर को शुभकामनाएं दीं

    राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करणपुर सीट से कुन्नर को मिली जीत को लेकर 'एक्स' पर शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा, "करणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी श्री रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह जीत स्व. गुरमीत सिंह कुन्नर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है। करणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है। चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता और नैतिकता की धज्जियां उड़ाने वाली भाजपा को जनता ने सबक सिखाया है।"

    करणपुर सीट पर 81.38 प्रतिशत हुआ था मतदान

    श्रीगंगानगर जिले में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 5 पर चुनाव नतीजे 3 दिसंबर को ही आ चुके हैं। यहां 2 सीटों पर बीजेपी ने और 3 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया है। करणपुर विधानसभा सीट के लिए शुक्रवार (5 जनवरी) को मतदान हुआ था, जिसमें 81.38 प्रतिशत मतदान हुआ है।

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    गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के बाद चुनाव स्थगित

    कांग्रेस उम्मीदवार और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर की मृत्यु के कारण इस सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था। कुन्नर के बेटे रूपिंदर सिंह को कांग्रेस ने इस सीट से मैदान में उतारा था।

    भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव में 199 में से 115 सीटें जीतने के बाद सुरेंद्र पाल सिंह को राजस्थान मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। कांग्रेस ने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की आलोचना करते हुए इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया।

    नियमों के मुताबिक, मंत्री बनने के बाद से सुरेंद्र पाल सिंह के पास विधायक चुने जाने के लिए छह महीने का समय है। बता दें कि 25 नवंबर को हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 115 सीटें और कांग्रेस ने 69 सीटें जीतीं। जिसके बाद 15 दिसंबर को बीजेपी के भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नवनिर्वाचित विधायक दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।

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