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    Rajasthan: ओम माथुर बोले, मूल मुद्दों की बात नहीं करते तो सत्ता में कैसे आते

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Mon, 20 Jan 2020 01:37 PM (IST)

    Om Prakash Mathur. ओम प्रकाश माथुर ने कहा कि राजस्थान में सरकार में जो खींचतान चल रही है उससे ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री काफी परेशान हैं और लग रहा है ...और पढ़ें

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    Rajasthan: ओम माथुर बोले, मूल मुद्दों की बात नहीं करते तो सत्ता में कैसे आते

    जयपुर, मनीष गोधा। Om Prakash Mathur. भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं और राजस्थान भाजपा के सबसे लंबे समय तक संगठन महामंत्री रहे है। उन्हें राजस्थान में मुख्यमंत्री पद का स्वाभाविक उम्मीदवार माना जाता रहा है। हालांकि पार्टी पिछले करीब बीस वर्ष से उन्हें राष्ट्रीय दात्यिव सौंपे हुए हैं। राजस्थान आने पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उनसे मुलाकात करते हैं। राजस्थान में उनकी सक्रियता लगातार बनी हुई है। जयपुर प्रवास के दौरान उनसे बातचीत के प्रमुख अंशः

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    विपक्ष कहता है कि भाजपा बेरोजगारी और महंगाई जैसे मूल मुद्दों को छोड़ भावनात्मक मुद्दों को भुनाती है? विपक्ष का यह आरोप पूरी तरह गलत है। हमने मूल मुद्दों की बात नही की होती तो सत्ता में कैसे आ सकते थे। यह एक वातावरण बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही सबसे पहले कहा था कि पूर्वोत्तर विकास में पिछड़ा हुआ है। इसी से सबका साथ सबका विकास का नारा निकला। और मूल मुद्दे ही क्यों क्या राष्ट्रवाद मुद्दा नही होना चाहिए। आखिर कब तक हम हीन भावना से जीते रहेंगे। हमारा प्रधानमंत्री विदेश में कहीं जाता था तो यह चिंता लगी रहती थी उसका विरोधी देश नाराज न हो जाए। कांग्रेस के राज ने सोने की चिड़िया वाले देश को भिखारी बनाा दिया।

    आर्थिक मोर्चे पर परेशानियां दिख रही हैं और इसका असर राज्यों के चुनाव में दिखा है?

    ऐसा नहीं है। आप हमारा वोट प्रतिशत देखिए और उससे जोड़िए। जहां तक आर्थिक मोर्चे की बात है तो प्रधानमंत्री लगातार सभी संगठनों से बात कर रहे हैं और हमने जो कदम उठाए हैं, उससे दो वर्ष में देश-दुनिया में सबसे आगे होगा। हम मानते हैं कठिनाइयां हैं, लेकिन उनको हमने छोड़ा नहीं है। काम लगातार हो रहा है।

    ऐसा लग रहा है कि राज्यों में पार्टी का ग्राफ गिर रहा है और सीएए व एनआरसी जैसे मुद्दे भी काम नहीं कर रहे?ऐसा नहीं है। हमारा वोट प्रतिशत सब जगह बढ़ा है। महाराष्ट्र में तो बहुमत ही हमें मिला था। हमें पीछे किया गया है। हमने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था, लेकिन फिर हमारे सामने मांगे रख दी गईं और विपक्ष ने इसका फायदा उठा लिया। बाकी राजनीति में उतार चढ़ाव चलते रहते हैं। जहां तक सीएए और एनआरसी का सवाल है तो मेरा कहना है कि क्षणिक आंदोलन खड़े कर युवाओं को भड़काया जा रहा हे। विपक्ष को हमारे खिलाफ कहने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए देश में झूठ फैला कर माहौल बनाया जा रहा है। हमने सिर्फ दो संशोधन किए हैं और यह पहले भी होते रहे हैं। जनगणना भी हर दस साल में होती ही है। सारी योजनाएं इसी पर चलती भी हैं। महात्मा गांधी से लेकर नेहरू जी तक ने जो कहा, वही हमने किया है।

    इन विषयों पर विपक्ष एक हो कर सरकार का विरोध करता दिख रहा है?

    ऐसा कुछ नही है। हाल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक बुलाई थी, उसमें एक भी प्रमुख दल नहीं पहुंचा। विपक्ष कुछ विषयों पर एक हो जाता है, लेकिन जहां यह दिख रहा हो कि उनमें से कोई एक नेता बन जाएगा, तो सब अलग हो जाते है। पांच साल पहले यह सब दक्षिण में एक हुए थे, अब कहां है सब।

    दूसरे कार्यकाल के छह माह में पार्टी ने अपने मूल मुद्दों पर काम किया, अब आगे क्या करेंगे?

    घोषणा पत्र की हर बात हम पूरी करेंगे और लोगों के लिए नई से नई योजनाएं लगातार लाते रहेंगे। जिन विषयों पर हमने काम किया, वे बरसो से अटके हुए थे। हमने उन्हें खत्म किया, ताकि देश और आगे बढ़ सके।

    मौजूदा हालात में पार्टी का भविष्य क्या देखते हैं?

    2024 में भी हम ही जीतेंगे और उसके आगे भी हम ही जीतेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीति को पूरी तरह बदला है। भाई-भतीजावाद के स्थान पर विकास को राजनीति का एजेंडा बनाया है। आम मतदाता को महसूस हुआ है कि प्रधानमंत्री ने मेरे घर की और परिवार की चिंता की है। उन्होंने जो काम किया है, उसका असर गांव के आदमी पर है। वे भारत के ही नहीं दुनिया के नेता हो गए है। आजादी के बाद पहली बार देश को इतना समर्पित नेता मिला है।

    आपको नहीं लगता जेएनयू के विषय पर सरकार ने कुछ ज्यादा ही सख्त रुख दिखाया?

    वहां जो स्थिति बना दी गई है, उसमें सरकार और क्या करती। हमें जेएनयू के इतिहास को समझना चािहए। वहां बाहर के लोगों ने आकर सब कुछ किया। अब शाहीन बाग में लोगों को डेढ़ माह से इकट्ठा किया गया है। लोग परेशान हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। सिर्फ और सिर्फ झूठा प्रचार किया जा रहा है। दुर्भाग्य है कि युवा उस भड़कावे में आ रहा है।

    सुना है आप राजस्थान का दौरा करने वाले हैं?

    मुझ पर कोई प्रतिबंध तो है नही। करीब बीस वर्ष से राजस्थान से बाहर के दायित्व हैं। हमारी पार्टी स्नेह और संवाद से आगे बढ़ी है और लोगों से जुड़ाव ही हमारा काम है। प्रवास तो हर कार्यकर्ता को करना चाहिए।

    राजस्थान भाजपा में भी मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार दिखने लगे हैं?

    राजनीति में यह सब क्यों नहीं चलना चाहिए। राजनीति में आने वाली अपेक्षा रहती है कि वह कुछ न कुछ बने। हमारी पार्टी किसी व्यक्ति या परिवार की पार्टी नही है। यहां तो साधारण कार्यकर्ता को आगे बढ़ाया जाता हैै। यह तो पार्टी की लोकप्रियता का प्रमाण है कि हम सबको यह भरोसा है कि हम जीतेंगे।

    राजस्थान में सरकार के कामकाज पर क्या कहेंगे?

    राजस्थान में सरकार में जो खींचतान चल रही है, उससे ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री काफी परेशान हैं और लग रहा है कि कुंठित हो रहे हैं। पिछले पांच साल में उनकी वाणी का संयम खो गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पहली घटना है कि किसी मुख्यमंत्री को प्रेस काउंसिल ने नोटिस दिया है। 

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