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    उदयपुर जिला परिषद की पहल-अब होगा सही विकास, अधिकारी गोद लेने लगे गांव

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Wed, 01 Jan 2020 12:03 PM (IST)

    नई योजना के तहत अब हर अधिकारी एक गांव गोद लेकर उसके सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी निभाएगा। ...और पढ़ें

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    उदयपुर जिला परिषद की पहल-अब होगा सही विकास, अधिकारी गोद लेने लगे गांव

    उदयपुर, सुभाष शर्मा। जिला परिषद उदयपुर ग्रामीण विकास के लिए एक बड़ी नजीर पेश करने जा रहा है। जिससे न केवल ग्रामीण विकास को गति मिलेगी, वहीं प्रदेश सरकार भी इससे सीख लेकर इसे राज्य भर में लागू कर पाएगी। नई योजना के तहत अब हर अधिकारी एक गांव गोद लेकर उसके सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी निभाएगा।

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    इस नई पहल के तहत उदयपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमर चौधरी ने कोटड़ा उपखंड क्षेत्र की गोगरूक ग्राम पंचायत, अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी आरके अग्रवाल ने गिर्वा उपखंड की पई ग्राम पंचायत को गोद लिया है। इसी तरह जिला परिषद एवं जिले की पंचायत समितियों में नियुक्त ब्लॉक विकास अधिकारी, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, लेखाधिकारी, पंचायत प्रसार अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने भी जिले की विभिन्न पंचायतों में आने वाली ग्राम पंचायतें गोद ली हैं।

    यह अधिकारी गोद ली गई ग्राम पंचायतों में राजकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और विभिन्न विकास कार्यों को सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी निभाएंगे। ग्रामीणों के व्यक्तिगत एवं सामुदायिक लाभ की योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ राजकीय योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिले इसकी देखरेख भी करेंगे। जिला परिषद ने इसे एक अभियान के रूप में हाथ में लिया है, जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी आरके अग्रवाल को सौंपी गई है। 

    हर पंद्रह दिन में करेंगे निरीक्षण यह सुनिश्चित किया गया है कि अधिकारी अपने गोद लिए गांवों का निरीक्षण प्रत्येक पंद्रह दिन में अवश्य करेंगे। यानी महीने में दो दिन वह अधिकारी अपने गोद लिए गांव में ही बिताएगा। साथ ही वह यह देखेंगे कि ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। योजनाओं को लागू करने में आ रही परेशानियों के निपटारे तथा ग्रामीणों की शिकायतों की सुनवाई कर उन्हें दूर करने का प्रयास करेंगे।

    हर पंद्रह दिन में वह अपने कामों की रिपोर्ट तैयार करके जिला परिषद में प्रस्तुत करेंगे। इससे पहले हर अधिकारी को अपने गोद लिए गांव के विकास के लिए रूपरेखा बनानी होगी। साथ ही यह भी रिकार्ड रखना होगा कि उनकी योजना तय समय में पूरी हो पाई या नहीं। कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरके अग्रवाल का कहना है जिले 140 ग्राम पंचायतों को गोद लेने की योजना तैयार की गई है। अभी तक सांसद द्वारा गांव गोद लिए जाने की परम्परा देखी गई। जिसका लाभ एक संसदीय क्षेत्र के एक गांव के लोगों को मिलता था।