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    Rajasthan: भारत ने पोखरण में पिनाक मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Sun, 10 Apr 2022 09:39 AM (IST)

    पिनाका रॉकेट प्रणाली को आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान पुणे द्वारा विकसित किया गया है जो डीआरडीओ की पुणे स्थित एक प्रयोगशाला में उच्च गुणवत्ता रिसर्च बेस टेकोलॉजी पर आधारित अनुसंधान प्रयोगशाला है। इन सफल परीक्षणों के बाद अब सिस्टम पूरी तरीके से काम करने के लिए तैयार है।

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    भारत ने पोखरण में पिनाकामिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण

    जोधपुर, संवाद सूत्र । भारतीय सेना ने पिनाकामिसाइल के नए संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। डीआरडीओ और भारतीय सेना नए पश्चिमी राजस्थान के सीमा के निकट पोखरण फायरिंग रेंज में यह परिक्षण सम्पन्न किया। सेना ने अलग-अलग क्षेत्रों में 24 से अधिकएमके-आई (एन्हांस्ड) रॉकेट सिस्टम (ईपीआरएस) को जांचा है, जो कि सफल साबित हुए हैं।

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    मंत्रालय ने कहा कि उभरती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रॉकेट प्रणाली को उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ उन्नत किया गया है। मालूम हो कि ईपीआरएस पिनाका संस्करण का उन्नत संस्करण है जो पिछले एक दशक से भारतीय सेना के साथ सेवा में है। इसके साथ ही टेक्नोलॉजी परीक्षण का प्रारंभिक चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। पिनाका रॉकेट प्रणाली को आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान, पुणे द्वारा विकसित किया गया है, जो डीआरडीओ की पुणे स्थित एक प्रयोगशाला में उच्च गुणवत्ता, रिसर्च बेस टेकोलॉजी पर आधारित अनुसंधान प्रयोगशाला है।

    रक्षा मंत्रालय ने कहा, "डीआरडीओ से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत एमआईएल द्वारा निर्मित रॉकेटों का इस अभियान के दौरान परीक्षण किया गया था। पिनाका रॉकेट सिस्टम में इस्तेमाल किए जा सकने वाले हथियारों और फ़्यूज़ के विभिन्न प्रकारों का पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। डीआरडीओ और भारतीय सेना नए पश्चिमी राजस्थान के सीमा के निकट पोखरण फायरिंग रेंज में यह परिक्षण सम्पन्न किया। सेना ने अलग-अलग क्षेत्रों में 24 से अधिकएमके-आई (एन्हांस्ड) रॉकेट सिस्टम (ईपीआरएस) को जांचा है, जो कि सफल साबित हुए हैं।

    पिनाका रॉकेट प्रणाली को आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान, पुणे द्वारा विकसित किया गया है, जो डीआरडीओ की पुणे स्थित एक प्रयोगशाला में उच्च गुणवत्ता, रिसर्च बेस टेकोलॉजी पर आधारित अनुसंधान प्रयोगशाला है। इन सफल परीक्षणों के बाद अब सिस्टम पूरी तरीके से काम करने के लिए तैयार है। DRDO के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने रॉकेट के उड़ान परीक्षण को पूरा करने के लिए परियोजना में शामिल टीमों को बधाई दी है।  

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