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Rajasthan: आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

Adarsh Credit Cooperative Society scam धोखाधड़ी कर आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के पदाधिकारियों की राशि हड़पने के मामले में पुलिस जांच की रिपोर्ट तलब की गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 05:58 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 05:58 PM (IST)
Rajasthan: आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

जोधपुर, संवाद सूत्र। Adarsh Credit Cooperative Society scam: लाखों लोगों की जमा पूंजी के साथ धोखाधड़ी कर आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के पदाधिकारियों की राशि हड़पने के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने पुलिस जांच की रिपोर्ट तलब करवाई है। जोधपुर में आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के विरुद्ध सुरेन्द्र कुमार पुरोहित द्वारा एकलपीठ में मामले में ग्यारह माह बीत जाने के बाद में पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर आपराधिक फौजदारी याचिका दर्ज करवाई गई। जिस पर सुनवाई करते हुए जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीपति मनोज कुमार गर्ग नेे फेक्चुअल रिपोर्ट मंगवाई है। आदर्श कोऑपरेटिव सोसायटी से जुुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले से जुड़े इस मामले में अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी।

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जोधपुर, कुड़ी भगतासनी निवासी सुरेन्द्र कुमार पुरोहित की ओर से अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे की ओर एकलपीठ फौजदारी विविध याचिका प्रस्तुत की गई थी, जिसमें की एफडी के संबंध में आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के कर्मचारियों व एजेंटों द्वारा याचि से संपर्क कर, अत्यधिक धनलाभ होने का भरोसा व विश्वास जताकर, एफडी करवाई गई।  सुरेन्द्र कुमार पुरोहित ने आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में 2,50,000- रुपये व 2,00,000 रुपये की अलग-अलग की एफडी दिनांक 26 जुलाई, 2017 व 28 अक्टूबर, 2018 को करवाई, जिसकी कुल परिपक्वता राशि 5,48,500 रुपये थी, लेकिन जब उसे ज्ञात हुआ कि आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में करोड़ों-अरबों रुपयों का घोटाला हुआ है, तब इस संबंध में शाखा में बातचीत की, परन्तु किसी ने कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया। एफडी परिपक्वता से पूर्व राशि लौटाने की प्रार्थना करने पर भी राशि नहीं दी गई। इस पर कानूनी नोटिस भी भिजवाया गया, परन्तु उसका भी जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद पुलिस कमिश्नर जोधपुर को परिवाद देने पर भी एफआइआर तक दर्ज नहीं की गई।

इसके पश्चात पीड़ित की ओर से जोधपुर महानगर न्यायिक मजिस्ट्रेेट के समक्ष धारा 406, 420, 467, 468, 469, 470, 471, 506 व 120 बी आइपीसी के तहत परिवाद पेश किया गया, जिसमें आदर्श कोऑपरेटिव के संचालक मंडल के मुकेश मोदी, राहुल मोदी, विवेक हरिव्यासी, ललिता राजपुरोहित, जुगल किशोर छंगाणी, डायरेक्टर, प्रबंधक, संस्थापक सदस्य, शाखा प्रबंधक, एजेन्ट व अन्य के विरुद्ध आरोप लगाए गए थे। जिस पर अदालत ने मूल परिवाद को बासनी थाना को भेज जांच कर 13 दिसंबर, 2019 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। लेकिन मामले में 11 माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा जांच पेश नहीं की गई।

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के प्रभाव में पुलिस स्वतंत्र व निष्पक्ष अनुसंधान नहीं कर रही है, न ही उनके विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई कर रही है, न ही अनुसंधान कर रही है, न ही जांच रिपोर्ट अधीनस्थ न्यायालय में प्रस्तुत कर रही है। इस कारण याचिकाकर्ता ने मजबूर होकर, आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई में तत्काल जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर कार्रवाई करने के लिए याचिका प्रस्तुत की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रवीण दयाल का पक्ष सुनकर राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा फेक्चुअल रिपोर्ट मंगवाने का आदेश पारित किया गया है। मामले में आगामी सुनवाई दिनांक 24 सितंबर को होगी।


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