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    Rajasthan: अन्य राज्य की महिला शादी के बाद राजस्थान में नौकरी में आरक्षण की हकदार नहीं: हाई कोर्ट

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Thu, 03 Feb 2022 11:10 PM (IST)

    Rajasthan हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में राजस्थान के व्यक्ति से शादी के बाद माइग्रेट होने वाली महिला दूसरे प्रदेश के एससी एसटी व ओबीसी के आ ...और पढ़ें

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    अन्य राज्य कि महिला शादी के बाद राजस्थान में नौकरी में देय आरक्षण की हकदार नहीं : राजस्थान हाईकोर्ट

    जोधपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में राजस्थान के व्यक्ति से शादी के बाद माइग्रेट होने वाली महिला दूसरे प्रदेश के एससी, एसटी व ओबीसी के आधार पर राजस्थान में सरकारी नौकरी में आरक्षण की हकदार नहीं है, लेकिन वह जाति प्रमाण पत्र के साथ ही इसके आधार पर देय अन्य सभी तरह की सुविधाओं को हासिल करने की हकदार होगी। राजस्थान हाई कोर्ट में हनुमानगढ़ के नोहर निवासी महिला सुनीता रानी ने रिट याचिका पेश कर यह बताया कि वह पंजाब की मूल निवासी है, लेकिन उसकी शादी राजस्थान के नोहर निवासी के साथ हुई है। इसके बाद उस महिला ने एससी जाति प्रमाण पत्र के लिए नोहर तहसीलदार के पास आवेदन किया, लेकिन तहसीलदार ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि वह राजस्थान की मूल निवासी नहीं है।

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    जानें, क्या है मामला

    राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने इस रिट याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व में वर्ष 2018 व 2020 में इसी तरह कि याचिकाओं पर दिए फैसलों का उदाहरण देते हुए कहा कि शादी करने के बाद कोई महिला राजस्थान में नौकरी में आरक्षण की हकदार नहीं हो सकती है। इसके साथ ही न्यायाधीश ने कहा कि ऐसी महिलाएं जाति प्रमाण पत्र की हकदार है, ताकि इसके आधार पर नौकरी के अलावा राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में देय लाभ ले सके। न्यायाधीश मेहता ने हनुमानगढ़ के एसडीएम को इस महिला को जाति प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया। साथ ही, कहा कि इस पर लिखा जाए कि यह सरकारी नौकरी के लिए मान्य नहीं होगा। अन्य राज्य की महिला शादी के बाद प्रदेश में नौकरी में देय आरक्षण का लाभ नहीं ले सकती है ।

    ये भी कहा कोर्ट ने

    हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि इस तरह के मामलों में सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है। ऐसे में इसे आरक्षण व्यवस्था में बदलाव से जोड़ कर नहीं देखा जाए। यह आदेश न ही किसी को आरक्षण से वंचित करने का है। कोर्ट का आदेश सिर्फ जाति प्रमाण पत्र तक सीमित है। राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा है कि राजस्थान के व्यक्ति से विवाह करने के बाद माइग्रेट होने वाली महिला अन्य प्रदेश के एससी, एसटी व ओबीसी के आधार पर प्रदेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण की हकदार नहीं है, लेकिन वह जाति प्रमाण पत्र के साथ ही इसके आधार पर देय अन्य सभी तरह की सुविधाओं को हासिल करने की हकदार है।