उदयपुर, जागरण संवाददाता। मावठ की बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने उदयपुर की सूरत ही बदल दी। कई जगह इतनी ओलावृष्टि हुई की खेतों तथा सड़कों पर आधा फीट बर्फ की चादर बन गई। भटेवर तथा वल्लभनगर क्षेत्र से गुजरने वाले उदयपुर-चित्तौड़गढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बहाली के लिए जेसीबी के जरिए बर्फ हटानी पड़ी। तेज हवा के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि से उदयपुर के तापमान में गिरावट आई और गलन बढ़ गई।
जेसीबी से हटानी पड़ी बर्फ
मौसम विभाग के पूर्वानुमान तथा दूसरी बार सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के असर से उदयपुर शहर तथा ग्रामीण इलाकों में सीजन की पहली मावठ बरसी। सुबह तीन बजे हुई इतनी ओलावृष्टि हुई कि लोग सुबह उठे तब तक खेत- खलिहान तथा सड़कों पर बर्फ की चादर बनी हुई थी। उदयपुर-चित्तौड़गढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भटेवर तथा वल्लभनगर इलाके में तो ओलावृष्टि के चलते आधा फिट यानी छह इंच मोटी बर्फ जम गई। यातायात बहाली के लिए जेसीबी के जरिए बर्फ हटानी पड़ी।
रबि फसल के लिए फायदेमंद साबित होगी बारिश
रविवार देर शाम भी उदयपुर तथा जिले के अधिकांश हिस्सों में तेज हवा के साथ बारिश हुई, हालांकि यह बारिश बमुश्किल बीस मिनट ही चली। इस बारिश का लेकर कृषि विभाग के उप निदेशक माधो सिंह चंपावत का कहना है कि रबि की फसल के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित होगी। बारिश के दौरान उदयपुर शहर के कुछ इलाकों में बिजली भी गुल हुई, जिसके चलते आधे घंटे तक लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा।
उदयपुर तथा आसपास के इलाकों में अगले दो दिनों तक मावठ पड़ने की संभावना
इधर, मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उदयपुर तथा आसपास के इलाकों में अगले दो दिन मावठ पड़ सकती है। शनिवार रात तथा रविवार को हुई बारिश के असर से दिन के तापमान में गिरावट आई। शनिवार को जहां उदयपुर का न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस था, जो गिरकर 4.9 डिग्री सेल्सियस रह गया, हालांकि दिन के अधिकतम तापमान में .3 डिग्री की बढ़ोतरी देखी गई, जो रविवार को 24.7 डिग्री सेल्सियस रहा।
किसानों को फायदा और नुकसान दोनों
मावठ की पहली असर से उन किसानों को फायदा हुआ, जहां ओलावृष्टि नहीं हुई। इसके चलते गेहूं, चना, जौ यानी रबि की फसल को पानी मिल पाया। किन्तु जिन इलाकों में ओलावृष्टि हुई, वहां फसल पूरी तरह चौपट हो गई।
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