Move to Jagran APP

गहलोत सरकार का यूटर्न, बाल विवाह रजिस्ट्रेशन विधेयक वापस लिया जाएगा, सीएम गहलोत ने कहा, यह प्रतिष्ठा का सवाल नहीं है

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता से जुड़े प्रावधान वाले विधेयक को वापस लेने पर विचार कर रही है। सीएम गहलोत ने विधेयक वापस लेने के संकेत दिए हैं। इस विधेयक में बाल विवाह का भी रजिस्ट्रेशन करने का प्रावधान किया गया था।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 10:50 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 10:50 PM (IST)
सीएम गहलोत ने सोमवार को विधेयक वापस लेने के संकेत दिए

जागरण संवाददाता,जयपुर! राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता से जुड़े प्रावधान वाले विधेयक को वापस लेने पर विचार कर रही है। सीएम गहलोत ने सोमवार को विधेयक वापस लेने के संकेत दिए हैं। सरकार ने राज्य विधानसभा में 17 सितंबर को शादियों की अनिवार्यता रजिस्ट्रेशन संशोधन विधेयक को पारित कराया था । इस विधेयक में बाल विवाह का भी रजिस्ट्रेशन करने का प्रावधान किया गया था ।

loksabha election banner

विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता गुलाब चंद कटारिया और उप नेता राजेंद्र राठौड़ सहित कुछ अन्य विधायकों ने इस विधेयक का विरोध करते हुए था कि यह विधेयक बाल विवाह को मान्यता देने जैसा ही है। राष्ट्रीय बाल अधिकारिता संरक्षण आयोग ने भी विधेयक पर आपत्ति जताई थी । आयोग ने विधेयक के प्रावधानों पर फिर से विचार करने को लेकर राज्य सरकार को पत्र लिखा था।

गहलोत ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित वर्चुअल समारोह में कहा कि राज्य में विवाद पैदा हो गया कि बाल विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जा रहा है। विधानसभा में इससे संबंधित विधेयक पारित हुआ है। यह प्रतिष्ठा का सवाल नहीं है। सरकार विधि विभाग में इसका अध्ययन करा रही है। उन्होंने कहा,राज्यपाल से आग्रह है कि विधेयक सरकार को वापस भेज दें । अगर कानूनी राय विपरित आएगी तो हम विधेयक को आगे नहीं बढ़ाएंगे । उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला था कि हर शादी का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में किसी कीमत पर बाल विवाह नहीं हो यह सुनिश्चित किया जाएगा।

इस प्रावधान पर विवाद

विवाह के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन विधेयक में यह प्रावधान किया किया है कि बाल विवाह होने पर 30 दिन के भीतर लड़के या लड़की के माता-पिता को विवाह रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को सूचना देनी होगी । माता-पिता के तय फॉर्मेट में सूचना देने पर उस विवाह का भी रजिस्ट्रेशन होगा । इस प्रावधान पर विवाद है,जिसके कारण राज्य सरकार इस विधेयक को राजभवन से वापस मंगवा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.