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गरीबी और बीमारी से परेशान एक परिवार के चार सदस्यों ने की आत्महत्या

पिछले कुछ दिनों से तो खाने का प्रबंध भी पड़ोस के ही लोग कर रहे थे ।संभव है कि इसी कारण मानसिक अवसाद में आकर आत्महत्या कर ली हो ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 31 Aug 2017 05:05 PM (IST)Updated: Thu, 31 Aug 2017 05:06 PM (IST)
गरीबी और बीमारी से परेशान एक परिवार के चार सदस्यों ने की आत्महत्या
गरीबी और बीमारी से परेशान एक परिवार के चार सदस्यों ने की आत्महत्या

 जयपुर, [जागरण संवाददाता] । राजस्थान में  जोधपुर शहर से कुछ ही दूर बासनी क्षेत्र में एक परिवार के चार सदस्यों ने आत्महत्या कर ली । गरीबी और बीमारी से परेशान इस परिवार के पास पिछले कई दिनों से भोजन करने का प्रबंध भी नहीं था,वहीं पति और पत्नी दोनों गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे।

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पुलिस के अनुसार खेत में बने दो कच्चे कमरों में रह रहे दम्पति ने पहले तो अपने दो बच्चों फांसी लगाई और फिर दोनों एक ही पंखे पर फांसी का फंदा लगाकर लटक गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीन संतानों के माता-पिता कानाराम और उसकी पत्नी पुष्पा देवी यहां एक किसान के खेत में मजदूरी करते थे और खेत में ही बने दो कच्चे कमरों में रहते थे। दोनों पति-पत्नी ने पहले 9 वर्षीय बेटी उर्मिला और 7 वर्षीय बेटे सुरेश को बुधवार देर रात फांसी लगाई और फिर खुद कमरे में पंखे पर लटक गए ।

पास ही सो रहे एक अन्य 13 वर्षीय बेटे विक्रम को वे नहीं मार पाए। गुरूवार सुबह करीब 6 बजे जब सुरेश की नींद खुली तो उसने माता-पिता और भाई-बहन को फांसी पर लटका हुआ देखा, इस पर वह रोता हुआ पड़ोसियों के पास पहुंचा। इस पर आसपास के लोग एकत्रित हुए और पुलिस को सूचना दी। लूणी पुलिस थाना अधिकारी ने बताया कि कमरे में जहरीले पदार्थ की बोतल भी मिली । ऐसा माना जा रहा है कि पहले दोनों बच्चों को जहरीला पदाथ् पिलाय और फिर उनके फांसी लगाने के बाद खुद ने फांसी लगा ली ।

पुलिस थाना अधिकारी का कहना है कि तीसरे बच्चे को उन्होंने कैसे छोड़े दिया,इस बात का भी पता लगाया जा रहा है मृतकों के पड़ोसियों का कहना है कि पिछले कुछ माह से दोनों पति-पत्नी बीमार थे और उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब थी । पिछले कुछ दिनों से तो खाने का प्रबंध भी पड़ोस के ही लोग कर रहे थे ।संभव है कि इसी कारण मानसिक अवसाद में आकर आत्महत्या कर ली हो । 


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