पहले भीलवाड़ा मॉडल चर्चा में आया तो अब बेरिकेटिंग को लेकर "जोधपुर मॉडल" की चर्चा-कोराना संक्रमण रोकने का प्रयास
पहले भीलवाड़ा मॉडल चर्चा में आया तो अब बेरिकेटिंग को लेकर जोधपुर मॉडल की चर्चा-कोराना संक्रमण रोकने का प्रयास
जयपुर, जयपुर। कोरोना महामारी के दौरान तेजी से संक्रमण फैल रहा है। बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए सरकार के साथ ही सामाजिक संगठन भी लॉकडाउन का पालन कराने में जुटे हैं। कोरोना संक्रमण को रोकने में जिस तरह से देशभर में "भीलवाड़ा मॉडल" की चर्चा हुई थी उसी तरह अब राजस्थान के "जोधपुर मॉडल" की चर्चा होने लगी है। जोधपुर मॉडल की चर्चा लोगों की आवाजाही रोकने के लिए पुलिस द्वारा तैयार किए गए बेरिकेट्स को लेकर हो रही है।
देश और प्रदेश के अन्य शहरों में लकड़ी की बल्लियां या फिर लोहे के पाइप लगाकर बेरिकेट्स तैयार किए गए हैं,जिससे लोगों की आवाजाही को रोका जा सके। लेकिन कोरोना संक्रमण के मामले में राजस्थान में दूसरे नंबर का शहर बने जोधपुर में पुलिस ने लोहे की टीन शेड,एंगल व लकड़ी के पुराने दरवाजे लगाकर मुख्य मार्गों को सील कर दिया । शुरूआत में यह मॉडल जोधपुर के कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र में अपनाया गया और फिर इसके बाद पूरे जिले में इसे लागू किया गया ।
कई शहरों की पुलिस ने मांगी जानकारी
अब कई शहरों की पुलिस ने "जोधपुर मॉडल " को सराहते हुए इसको अपने यहां अपनाना शुरू किया है । कोरोना संक्रमण के मामले में रेड़ जोन में शामिल जोधपुर के जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित व पुलिस आयुक्त प्रफुल्ल कुमार ने संक्रमितों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाने के लिए नये मॉडल से बेरिकेटिंग की । लोहे ही टीन शेड के साथ ही एंगल लगाए गए । इन्हे जमीन में एक फीट अंदर तक नीचे गाड़ने के साथ ही वेल्डिंग की गई । कुछ इलाकों में पुराने लकड़ी के दरवाजों को लोहे की एंगल के सहारे खड़ा किया गया । इनके साथ ही पुलिसकर्मियों की टीम तैनात की गई ।
पुलिस आयुक्त का कहना है कि इस मजबूत बेरिकेटिंग के चलते अब कोई आवाजाही नहीं हो सकती ।जोधपुर में कोरोना के हॉटस्पॉट बने सदर कोतवाली इलाके में जब से इस नई तकनीक से बेरिकेटिंग की गई है तब से संक्रमितों की संख्या में कमी आई है। पुलिस आयुक्त का कहना है कि कोरोना की चैन तोड़ने के लिए ऐसी पहल की जिसे मॉडल के रूप में देखा जा रहा है ।
लोहे के टीन शेड और लोहे के एंगल को आपस में वेल्डिंग करने का कारण बताते हुए सदर कोतवाली पुलिस थाना अधिकारी ने बताया कि बैरिकेड से लोग रूकते नहीं है और हमें पुलिस के जवानों को भी अधिक संख्या में तैनात करना पड़ता है। अब नई तकनीक से लोहे की टीन शेड व एंगल लगाने से जवान कम संख्या में लगाने पड़ रहे हैं । इसके साथ ही मजबूत बेरिकेटिंग होने के कारण लोग इसे तोड़ भी नहीं पा रहे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब से इसके बारे में पता चला है कई जिलों से पुलिस अधिकारियों ने इसकी जानकारी मांगी है। वे अपने यहां भी यही तकनीक अपनाना चाहते हैं।
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