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    Rajasthan: पर्यावरणविदों को आशंका, ऐसे ही हालात रहे तो उदयपुर बन जायेगा विश्व का सर्वाधिक प्रदूषित शहर

    By Jagran NewsEdited By: PRITI JHA
    Updated: Mon, 07 Nov 2022 02:14 PM (IST)

    दिल्ली की तरह यहां भी वायु प्रदूषण जहरीले स्तर तक पंहुच ना जाए। पर्यटन सुविधाओं के नाम पर पहाडों को काट रिज़ॉर्ट होटल बन रहे हैं झीलों के किनारे खत्म हो गए हैं। यह सब मिल उदयपुर को एक दिन विश्व का सर्वाधिक प्रदूषित शहर बना देंगे।

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    Rajasthan: पर्यावरणविदों को आशंका, ऐसे ही हालात रहे तो उदयपुर बन जायेगा विश्व का सर्वाधिक प्रदूषित शहर

    उदयपुर, संवाद सूत्र। मौजूदा हालात की तरह चलता रहा तो उदयपुर एक दिन विश्व का सबसे प्रदूषित शहर बन जाएगा। उदयपुर मे पर्यटन को पर्यावरणीय सहनीय सीमा के भीतर लाना होगा। अन्यथा हवा, पानी, मिट्टी सभी जहरीले बन जायेंगे। यह चिंता है पर्यावरणविदों की।

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    वायु प्रदूषण जहरीले स्तर तक

    पर्यावरण विद और झील संरक्षण के लिए सक्रिय डॉ. अनिल मेहता का कहना है कि उदयपुर शहर में टूरिस्ट वाहनो की संख्या निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में यह खतरा है कि दिल्ली की तरह यहां भी वायु प्रदूषण जहरीले स्तर तक पंहुच जाए। पर्यटन सुविधाओं के नाम पर पहाडों को काट रिज़ॉर्ट होटल बन रहे हैं, झीलों के किनारे खत्म हो गए हैं। पॉलीथीन प्लास्टिक का अंधाधुंध उपयोग व फिर झीलों व जमीन पर इसका विसर्जन जारी है। यह सब मिल उदयपुर को एक दिन विश्व का सर्वाधिक प्रदूषित शहर बना देंगे।

    पशु पक्षी इंसान सभी हो रहे हैं पीड़ित

    इसी तरह पर्यावरण विशेषज्ञ तेज शंकर पालीवाल का कहना है कि उदयपुर की झीलों मे डीजल-पेट्रोल नावों का रैला है तो सड़कों पर टूरिस्ट कारों की रेलमपेल। उपर हवा मे हेलिकोप्टर मंडराता है। पशु पक्षी इंसान सभी पीड़ित हो रहे हैं। समय आ गया है कि हम उदयपुर में पर्यटन विकास को पर्यावरण के मापदंडों के आधार पर तय करें।

    पर्यावरणविदों के अनुसार

    पर्यावरणविद नंदकिशोर शर्मा का कहना भी इसी तरह का है। वह कहते हैं पहाडों की कटाई, पर्यटन जनित प्रदूषण की समस्या को और विकराल बना रही है। पहाडों को निर्माण से मुक्त करना होगा ताकि वे शुद्ध बरसाती जल को झीलों मे भेज सके। पेड़ों को बचाना होगा ताकि वे वाहनों के धुंए से हवा को बिगड़ने से बचा सके।

    नवंबर में सबसे अधिक रिकार्ड टूरिस्ट आए

    पर्यावरणविद कुशल रावल कहते हैं कि शहर मे पर्यटन वाहनों पर पूर्ण रोक होनी चाहिए। पर्यटक आवगमन के लिए इलेक्ट्रिक ऑटो शुरू होने चाहिए। झीलों मे चप्पू या सौर ऊर्जा संचालित नियंत्रित नावें ही होनी चाहिए। नवंबर महीने में इस बार उदयपुर में अब तक के सबसे अधिक रिकार्ड टूरिस्ट आए। इनमें गुजरात और महाराष्ट्र से आए टूरिस्ट की संख्या सर्वाधिक थी, जो सभी अपने वाहनों से आए थे। इसके चलते उदयपुर शहर की सड़कों पर वाहन रैंगते से दिखाई दिए।