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    Rajasthan: दिव्यांग सतेंद्र सिंह लोहिया अब तक पैरालिंपिक स्विमिंग चैंपियनशिप में जीत चुके हैं 24 गोल्ड

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Fri, 25 Mar 2022 07:20 PM (IST)

    Rajasthan दिव्यांग सतेंद्र सिंह लोहिया उदयपुर में शुक्रवार से शुरू नेशनल पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने आए हैं। वह अब तक पैरालिंपिक स्विमिंग चैंपियनशिप में 24 गोल्ड जीत चुके हैं। बचपन से दोनों पैरों में तकलीफ थी और वह बिना किसी सहारे के चल नहीं पाता था।

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    दिव्यांग सतेंद्र सिंह लोहिया पैरालिंपिक स्विमिंग चैंपियनशिप में जीत चुके हैं 24 गोल्ड। फोटो जागरण

    उदयपुर, सुभाष शर्मा। हिम्मत के साथ हौसला बुलंद हो तो कठिन से कठिन से काम आसान हो जाता है। दिव्यांग होने के बावजूद ग्वालियर के स्विमर सतेंद्र सिंह लोहिया ने इसे प्रमाणित भी किया है। सतेंद्र उदयपुर में शुक्रवार से शुरू नेशनल पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने आए हैं। वह अब तक पैरालिंपिक स्विमिंग चैंपियनशिप में 24 गोल्ड जीत चुके हैं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर मूल के इंदौर में कमर्शियल टैक्स विभाग के अधीन कार्यरत 34 वर्षीय दिव्यांग स्विमर सतेंद्र सिंह ने बताया कि उसका जन्म भिंड जिले के वेसली नदी किनारे के गांव गाता में हुआ था। बचपन से दोनों पैरों में तकलीफ थी और वह बिना किसी सहारे के चल नहीं पाता था। गांव वाले उसे दिव्यांगता को लेकर ताने मारा करते थे, किन्तु निराश होने की बजाय उसने तय किया कि वह ऐसा काम करेगा, ताकि लोगों को उस पर गर्व हो।

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    डबास ने किया मोटिवेट

    सतेंद्र ने दिव्यांगता को राह में रोडा नहीं बनने दिया और स्कूलिंग खत्म करने के बाद वह घंटों तक वेसली नदी में तैरा करता था। साल 2007 में डा. वीके डबास के संपर्क में आया तो उन्होंने सतेंद्र को पैरा तैराकी के लिए मोटिवेट किया। इससे सतेंद्र के जीवन को नई दिशा मिली। साल 2009 में कोलकाता (तब के कलकत्ता) में राष्ट्रीय पैरालिंपिक स्विमिंग चैंपियनशिप में शामिल होने का अवसर मिला और उसने पहले प्रयास में ब्रांज मैडल जीतकर अपनी क्षमता का परिचय दिया। इस जीत ने उन्हें इतना अधिक मोटीवेट किया कि सतेंद्र ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और राष्ट्रीय पैरालिंपिक में एक के बाद एक 24 गोल्ड मैडल जीते|

    सतेंद्र ने साल 2018 में पार किया इंग्लिश चैनल, राष्ट्रपति से भी हो चुके हैं सम्मानित

    सतेंद्र की तैराकी में दिव्यांगता कभी आड़े नहीं आई। साल 2018 को वह पैरा रिले टीम के माध्यम से इंग्लिश चैनल तैरकर पार कर चुके हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैरालिंपिक तैराक चैंपियनशिप में भी एक गोल्ड के साथ तीन मैडल हासिल किए। साल 2014 में मध्य प्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सतेंद्र को विक्रम अवार्ड से नवाज चुके हें। इसी तरह तीन दिसंबर, 2019 को उपराष्ट्रपति सतेंद्र को सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी के पुरुस्कार से सम्मानित कर चुके हैं। वर्ष 2020 में राष्ट्रपति ने तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार पहली बार किसी दिव्यांग पैरा तैराक खिलाड़ी को दिया गया।