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    अजमेर मंडल पर 'वर्ल्ड हेरिटेज डे' का आयोजन, सजाई गई डीआरएम ऑफिस की इमारत और भाप इंजन

    अजमेर मंडल पर वर्ल्ड हेरिटेज डे का आयोजन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत मंडल पर 18 अप्रैल 2025 को विश्व धरोहर दिवस (विश्व धरोहर दिवस) सहित 23 अप्रैल 2025 तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस कड़ी में वर्ल्ड हेरिटेज डे पर व इसकी पूर्व संध्या पर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय की इमारत और भाप इंजन को शानदार रोशनी से सजाया गया।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 18 Apr 2025 11:31 PM (IST)
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    वर्ल्ड हेरिटेज डे पर सजाई गई मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय की इमारत और भाप इंजन (फोटो- जागरण)

    जागरण संवाददाता, अजमेर। अजमेर मंडल पर 'वर्ल्ड हेरिटेज डे' का आयोजन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत मंडल पर 18 अप्रैल, 2025 को विश्व धरोहर दिवस (विश्व धरोहर दिवस) सहित 23 अप्रैल 2025 तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

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    इस कड़ी में वर्ल्ड हेरिटेज डे पर व इसकी पूर्व संध्या पर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय की इमारत और भाप इंजन को शानदार रोशनी से सजाया गया।

    डीआरएम ऑफिस बिल्डिंग 141 वर्ष का इतिहास समेटे है

    वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक बीसीएस चौधरी के अनुसार डी आर एम ऑफिस बिल्डिंग वर्ष 1884 से 141 वर्ष का इतिहास समेटे है । इस भवन की खासियत है कि इसका निर्माण सेंड स्टोन से किया गया है इस इमारत में टॉवर और अच्छी तरह से डिजाइन की गई मेहराब और छज्जे हैं।

    इस इमारत का पुरातत्व, ऐतिहासिक और स्थापत्य मूल्य हैं। भवन के अंदर आते ही सबसे पहले बड़ी और चौड़ी सिड़िया इस तकनीक से बनाई गई है कि बार बार चढ़ने और उतरने पर भी थकान का आभास नहीं होता। भवन के अंदर कमरे भी इतने बड़े और ऊंचे बनाये गये हैं। कि सर्दी में गर्म व गर्मी में ठडे रहते है।

    भवन पर अजमेर शहर वासियों को गर्व

    इस भवन पर अजमेर शहर वासियों को गर्व है क्योंकि इसका आर्कटिक्ट बेजोड़ होने के साथ साथ विशाल भी है। यह इमारत भारतीय रेल की धरोहर सूची में शामिल हैं। इस ऐतिहासिक धरोहर को का लगभग 4 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकरण और मूल स्वरूप प्रदान करने का का कार्य भी किया जा रहा है।

    हॉल में प्राकृतिक वेंटिलेशन प्रदान किया गया है

    इसके अंतर्गत डीआरएम कार्यालय के सामने और पीछे के बरामदों को पुराने हेरिटेज लुक में साफ करना, भवन के हेरिटेज स्वरूप को बनाए रखने के लिए डीआरएम कार्यालय की बाहरी और आंतरिक दीवारों की सफाई, धुलाई और पॉइंटिंग, डीआरएम कार्यालय के सौंदर्यपूर्ण लुक के लिए भवन के आसपास के क्षेत्र/परिसंचारी क्षेत्र का विकास, हेरिटेज लुक बमाये रखने के लिए हॉल की प्लास्टरिंग, छत, फर्श की मरम्मत, पुराने विभाजन और बरामदे के कक्ष को साफ करके हॉल में प्राकृतिक वेंटिलेशन प्रदान करना जैसे कार्य शामिल है।

    डीआरएम ऑफिस का इतिहास

    यह शहर की उन कुछ बड़ी इमारतों में शामिल है जिनका निर्माण यदि नहीं हुआ होता तो अजमेर पिछड़े शहरों में शुमार किया जाता। मंडल कार्यालय की इस विशाल इमारत की योजना 1878 में तत्कालीन अंग्रेज अफसर एडवर्ड ब्रॉसफोर्ड ने बनाई थी।

    राजपूताना मालवा रेलवे के समय के बाद वर्तमान मंडल कार्यालय की इस भवन को पूर्व में इंजीनियर इन चीफ कार्यालय तथा बाद में जीएलओ (जनरल लाइजन आफिस) के नाम से पुकारा जाने लगा।

    विशाल भवन का निर्माण मई, 1881 में प्रारंभ हुआ

    इस विशाल भवन का निर्माण मई, 1881 में प्रारंभ हुआ तथा दिसम्बर, 1884 में पूर्ण हुआ। इस भवन की भव्यता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसकी लागत उस समय 3.5 लाख रूपये आई थी।

    08 मार्च, 1881 को इस भवन की नीव रखी गई

    राजपूताना मालवा रेलवे के समय कर्नल एफ एस स्पेंटन डायरेक्टर जनरल रेलवे तथा मेजर डब्ल्यू एस एस बिसेट, मैनेजर राजपूताना मालवा रेलवे की उपस्थिति में कर्नल ई आर सी बॉसफोर्ड सीएसआई एजेन्ट के गर्वनर जनरल के द्वारा 08 मार्च, 1881 को इस भवन की नीव रखी गई। इस भवन की डिजाईन बीडब्ल्यू ब्लड एसक्यायर (सुपरिटेंडेंट ऑफ वे एंड वर्कस) तथा कैप्टेन एच एच कॉल के द्वारा तैयार की गई थी।

    पश्चिम रेलवे के अंतर्गत 15 अगस्त, 1956 को तत्कालीन मुख्य मंत्री हरिभाऊ उपाध्याय द्वारा अजमेर मंडल का शुभारंभ किया गया था। दिनांक 1.8.1956 से दिनांक 13.2.1979 तक इसे मंडल अधीक्षक कार्यालय और उसके पश्चात अर्थात दिनांक 14.2.1979 से यह भवन मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, अजमेर मंडल के रूप में संचालित है।

    ऐतिहासिक भाप इंजन

    ऐतिहासिक भाप इंजन का भी पुराना इतिहास रहा है। इस भाप इंजन का का निर्माण मेसर्स डब्ल्यू. जी. बगनाल लिमिटेड, स्टेनफोर्ड (यू.के.) द्वारा वर्ष 1912 में किया गया। इस भाप इंजन को गायकवाड़ स्वामित्व वाले बड़ोदा राज्य रेलवे द्वारा खरीदा गया था।

    इसके रखरखाव का कार्य बिलिमोरिअल लोको शेड में किया जाता था। इस भाप इंजन के अन्य प्रकार जैसे डब्ल्यू एस व डब्ल्यू एक को भी गायकवाड़ स्वामित्व वाले बड़ोदा राज्य रेलवे द्वारा वर्ष 1912 से 1948 तक बड़ी संख्या में (कुल 25) खरीदा गया था।

    लोको भारतीय रेलवे की हेरिटेज सूची में अंकित

    बगनाल लिमिटेड निर्मित भाप इंजन तत्कालीन बड़ोदा राज्य रेलवे के ध्वज वाहक थे । भारतीय रेलवे में सेवा देने के पश्चात् यह मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय की शोभा बढ़ा रहा है। यह लोको भारतीय रेलवे की हेरिटेज सूची में अंकित है।