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    Udaipur News: कर्ज से परेशान भाजपा नेता ने की आत्महत्या, आडी कार व फार्म हाउस भी बेच दिया था

    By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar Mishra
    Updated: Thu, 20 Oct 2022 05:22 PM (IST)

    Udaipur News राजस्थान के उदयपुर में कर्ज से परेशान शहर के एक भाजपा नेता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कभी संपन्न रहा भाजपा नेता इन दिनों कर्ज से परेशान था। कुछ महीने पहले ही उसने अपनी महंगी आडी कार और फार्म हाउस बेच दिया था।

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    कर्ज से परेशान भाजपा नेता ने की आत्महत्या, आडी कार और फार्म हाउस भी बेच दिया था। फाइल फोटो

    उदयपुर, संवाद सूत्र। Udaipur News: राजस्थान के उदयपुर में कर्ज से परेशान शहर के एक भाजपा नेता प्रभु प्रजापत (Prabhu Prajapat) ने वीरवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कभी संपन्न रहा भाजपा नेता इन दिनों कर्ज से परेशान था। कुछ महीने पहले ही उसने अपनी महंगी आडी कार और फार्म हाउस बेच दिया था। वह कमेटी भी चलाता था। कमेटी से जुड़े 1500 लोग भी उसके इस कदम से सकते में आ गए और वह वीसी में जमा कराए पैसों को लेकर चिंता में है। 

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    पचास लाख रुपये था कर्ज

    राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के नजदीकी भाजपा नेता प्रभु प्रजापत पार्टी में ओबीसी प्रकोष्ठ का जिला अध्यक्ष था। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने उसे इस पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। उसके सहयोगियों ने बताया कि पशु आहार के विक्रेता प्रभु प्रजापत संपन्न परिवार से था। वह महंगी आडी कार चलाता था और उसका बेहद ही आकर्षक फार्म हाउस भी था। कोरोना महामारी के दौरान उसे व्यापार में झटका लगा और उस पर करीब पचास लाख रुपये का कर्ज हो गया था। जिसके लेनदार पैसा रिटर्न करने के लिए दबाव बनाए हुए थे। बढ़ते कर्जे को लेकर वह परेशान था और डिप्रेशन का शिकार हो गया था। बताया गया कि प्रभुलाल पिछले बीस साल से भाजपा से जुड़ा हुुआ था और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश शर्मा पिछले दिनों उदयपुर आए, तब उसके घर भी मिलकर गए थे।

    उदयपुर के डेढ़ हजार लोगों को पैसा डूबने का डर

    वीरवार सुबह छह बजे जब बेटी चाय देने के लिए कमरे में गई तो उसने अपने पिता को फांसी के फंदे पर लटके देखा और पुलिस को सूचित किया था। थानाधिकारी हनवंत सिंह सोढ़ा का कहना प्रभु प्रजापत कमेटी डालने का काम करता था। उससे लगभग डेढ़ हजार लोग जुड़े थे, जिनमें से ज्यादातर बिजनेसमैन हैं, उन्हें अब अपने पैसों को लेकर डर है कि वह वापस मिलेंगे या नहीं। लोगों ने अपनी मेहनत और खून-पसीने की कमाई इस कमेटी में डाली थी।

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