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    दिग्गज कांग्रेसी नेता एवं पूर्व मंत्री ललित भाटी की कोरोना से मौत, उनके निधन से सियासी हलके में शोक की लहर

    By Vijay KumarEdited By:
    Updated: Thu, 05 Nov 2020 07:52 PM (IST)

    मंगलवार रात गम्भीर हालत में उन्हें स्थानीय जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय के आईसीयू में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने बुधवार रात 10 बजे अन्तिम सांस ली। बताया जा रहा है कि उनके पुत्र की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है तथा पत्नी एवं बहु भी संक्रमित हैं।

    बीते दस दिन से घर पर ही क्वारंटाइन होकर निजी चिकित्सक से उपचार ले रहे थे।

    अजमेर, जागरण संवाददाता। अजमेर जिले के दिग्गज कांग्रेसी नेता एवं पूर्व मंत्री ललित भाटी का बुधवार रात को आकस्मिक निधन हो गया। भाटी ने जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में अंतिम सांस ली। भाटी के निधन से सियासी हलके में शोक की लहर छा गई। वे कोरोना संक्रमित थे तथा बीते दस दिन से घर पर ही क्वारंटाइन होकर निजी चिकित्सक से उपचार ले रहे थे। मंगलवार रात गम्भीर हालत में उन्हें स्थानीय जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय के आईसीयू में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने बुधवार रात 10 बजे अन्तिम सांस ली। बताया जा रहा है कि उनके पुत्र की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है तथा पत्नी एवं बहु भी संक्रमित हैं।

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    राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षणिक मुद्दों पर खासी पकड़ थी

    कांग्रेस के तेज तरर्रार नेताओं में से एक भाटी की राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षणिक मुद्दों पर खासी पकड़ थी। तत्कालीन नगर सुधार न्यास में बतौर ट्रस्टी उनका कार्यकाल शानदार रहा। उन्होंने केकड़ी सुरक्षित विधानसभा सीट से सन 1985 में लड़ा था तथा बीजेपी के गोपाल पचेरवाल को हराया था। राजस्थान विधानसभा में उनके बोलने से प्रभावित होकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर ने उन्हें चिकित्सा महकमें में उपमंत्री का दायित्व सौंपा था।

    कांग्रेस ने भाजपा के सामने मैदान में उतारा मगर हार गए 

    सन 1998 में अजमेर पूर्व की सुरक्षित सीट से चुनाव में वे जीते तथा भाजपा के श्रीकिशन सोनगरा को पराजित किया था। साल 2003 में कांग्रेस ने उन्हें भाजपा की अनिता भदेल के सामने मैदान में उतारा पर वे चुनाव हार गए। वर्ष 2008 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो एनसीपी के बैनर तले उतरकर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी राजकुमार जयपाल के लिए परेशानी का कारण बने लेकिन अनिता भदेल से हार गए।

    दिवंगत भाटी को छोटी उम्र में राजनीति की गहरी समझ थी

    विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट न देकर छोटे भाटी हेमन्त भाटी को अधिकृत प्रत्याशी बनाया तो वे बगावत पर उतर आए लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट की समझाइश पर मान गए तथा अपना नाम वापस ले लिया। उन्हें छोटी उम्र में ही राजनीति की गहरी समझ थी। भाटी ने अजमेर से ही दैनिक रोजमेल का प्रकाशन कर पत्रकारिता में भी दखल रखा। 

    भाटी के निधन से अजमेर में कांग्रेस को अपूर्णिय क्षति हुई

    दिवंगत भाटी अजमेर के सुप्रसिद्ध बीड़ी उद्योगपति रहे शंकर सिंह भाटी के पुत्र थे। भाटी के निधन से अजमेर में कांग्रेस को अपूर्णिय क्षति हुई। राजस्थान और देश के कोली समाज पर उनकी अच्छी पकड़ रही है जो कि कांग्रेस का ही वोट बैंक माना जाता रहा है। उनके निधन पर पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री अनीता भदेल, पूर्व विधायक डा. श्रीगोपाल बाहेती, निवर्तमान शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन, डेयरी सदर रामचंद्र चौधरी सहित कई कांग्रेसियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

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