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Rajasthan: विधायक पर ठगी करने का आरोप लगाकर धरने पर बैठा दलित परिवार, राजस्थान के दौसा जिले का मामला

राजस्थान में महुआ विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुडला के खिलाफ एक दलित युवक परिवार सहित दौसा जिला कलक्टर कार्यालय पर धरना दे रहा है। पिछले पांच दिन से धरना दे रहा दलित परिवार हुडला की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। File Photo

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Thu, 23 Mar 2023 05:53 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2023 05:53 PM (IST)
Rajasthan: विधायक पर ठगी करने का आरोप लगाकर धरने पर बैठा दलित परिवार, राजस्थान के दौसा जिले का मामला
विधायक पर ठगी करने का आरोप लगाकर धरने पर बैठा दलित परिवार।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में महुआ विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुडला के खिलाफ एक दलित युवक परिवार सहित दौसा जिला कलक्टर कार्यालय पर धरना दे रहा है। पिछले पांच दिन से धरना दे रहा दलित परिवार हुडला की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। हुडला प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैं।

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दौसा जिले के पुरोहित का बास गांव निवासी युवक ओमप्रकाश बैरवा का आरोप है कि साल,2019 में हुडला ने सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर पूरे जिले के 20 युवकों से 82 लाख की रकम ली थी। उन युवकों में ओमप्रकाश भी शामिल था। ओमप्रकाश का आरोप है कि सभी साथियों की तरफ से उसने पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया है।

उधर इस मामले में दौसा सदर पुलिस थाना अधिकारी संजय पूनिया का कहना है कि सीआईडी, सीबी (अपराध जांच ब्यूरो) ने इस मामले की जांच की थी। जांच के बाद ओमप्रकाश सहित तीन को दोषी माना। यह माना गया कि ओमप्रकाश ने विधायक और केदार के खिलाफ गलत आरोप लगाए हैं।

इस मामले में पुलिस ने परिवादी ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया। विधायक से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका ।

यह है मामला

बता दें कि 26 नवंबर, 2019 को ओमप्रकाश ने दौसा सदर पुलिस थाने में सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर 20 युवकों से 82 लाख की ठगी करने का आरोप लगाते हुए हुडला, केदार, रामफूल, जलसिंह और भगवान सहाय के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था।

विधायक पर आरोप लगने के बाद पुलिस ने मामले की जांच सीआईडी और सीबी को सौंप दी। सीआईडी, सीबी ने जांच के बाद कार्रवाई के लिए दौसा सदर थाने में फिर से पत्रावली भेज दी, जिसमें ओमप्रकाश सहित चार को दोषी माना गया। ओमप्रकाश को इस मामले में सजा हुई और वह करीब छह महीने तक जेल में रहकर जमानत पर बाहर आया है।

पैसे दिलवाने और खुद के साथ अन्याय होने का आरोप लगा रहे ओमप्रकाश का कहना है कि पुलिस ने गलत कार्रवाई की है। दोषियों को बचाकर परिवादी को ही गिरफ्तार कर मामले में फंसा दिया गया। पुलिस ने विधायक के दबाव में आकर सबूत नष्ट कर दिए।

ओमप्रकाश का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर वह परिवार सहित धरने पर बैठा है। उधर, पुलिस ने माना कि ओमप्रकाश ने जांच में पुलिस के समक्ष असत्य बोलने के साथ ही खुद ने लोगों के साथ पैसों के मामले में फर्जीवाड़ा किया था। इस बारे में पुलिस जानकारी सार्वजनिक नहीं कर रही है।

बता दें कि हुडला का छोटा भाई हरिओम मीणा को पिछले साल सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पैसे लेकर गड़बड़ी करवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।


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