coronavirus effact: राजस्थान में तीन सप्ताह तक नियमित मुकदमों में नहीं होगी सुनवाई
coronavirus effact उच्च न्यायालय द्वारा लिए गए निर्णयानुसार अब अगले तीन सप्ताह तक न्यायालयों में नियमित मुकदमों पर सुनवाई नहीं की जाएगी। ...और पढ़ें

उदयपुर, जेएनएन। जिला एवं सेशन न्यायाधीश रवीन्द्र कुमार माहेश्वरी ने कहा है कि उदयपुर में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए न्यायालयों में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। उच्च न्यायालय द्वारा लिए गए निर्णयानुसार अब अगले तीन सप्ताह तक न्यायालयों में नियमित मुकदमों पर सुनवाई नहीं की जाएगी। जिला एवं सेशन न्यायाधीश मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने बताया कि कोर्ट में मुकदमों की सुनवाई के दौरान पक्षकारों की मौजूदगी से कोर्ट परिसर में भीड़-भाड़ की स्थिति बनी रहने के कारण निर्णय लिया गया है कि न्यायालय में अगले तीन सप्ताह तक सिर्फ स्टे, जमानत सहित अति आवश्यक श्रेणी के मुकदमों पर ही सुनवाई होगी। इसके अलावा नियमित मुकदमों पर सुनवाई नहीं होगी तथा ऐसे मामलों में पक्षकारों के नहीं आने पर कोई प्रतिकूल निर्णय नहीं दिया जाएगा। उन्होंने अपील की है कि ऐसे मामलों में इनके पक्षकार न्यायालय में नहीं आएं।
किसी अति आवश्यक मुकदमें में पक्षकार को बुलाने की जरूरत होने पर कोर्ट खुद वकील के जरिए पक्षकार को बुलाने के निर्देश दे देगा। सिर्फ मुख्य द्वार खुला रहेगा, केंटिन भी होगी बंद जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने बताया कि न्यायालय में भीड़-भाड़ की स्थिति को कम करने तथा आने वाले लोगों से संक्रमण की संभावनाओं को दूर करने के लिए अब सिर्फ मुख्य द्वार से ही प्रवेश हो सकेगा। दो अन्य गेट बंद कर दिए गए हैं वहीं कोर्ट कैंपस की सभी कैंटीन बंद रहेंगी। इसके साथ ही मुख्य द्वार पर भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद रहेगी, जो हर आने वाले व्यक्ति की स्क्रीनिंग करेगी, इसके बाद ही व्यक्ति कोर्ट के अंदर जा सकेगा। कोर्ट परिसर को स्वच्छ रखने व डिइंफेक्शन करने की कार्यवाही भी की जाएगी।
वीसी से होगी कैदियों की पेशी
जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने बताया कि प्रतिदिन सेंट्रल जेल से कैदियों को चालानी गार्ड पेशियों के लिए कोर्ट लेकर आती है। इनके साथ इनके परिजन भी मुलाकात करने कोर्ट पहुंच जाते हैं, इससे भीड़ इक_ी होती है। ऐसे में आगामी आदेशों तक सेंट्रल जेल से भी कैदियों को पेशी के लिए कोर्ट नहीं लाया जाएगा। अगर किसी केस में बंदी की पेशी जरूरी होगी तो जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी करवायी जाएगी।

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