Rajasthan Coronavirus : राजस्थान में बेकाबू होता कोरोना, 24 घण्टे में 6366 संक्रमित मिले
वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगवाने वालों को एक फरवरी से सार्वजनिक स्थान पर प्रवेश नहीं मिलेगा। टीके नहीं लगवाने वालों पर दस हजार का जुर्माना। जिन शहरों में 100 से ज्यादा मरीज वहां सख्ती। बढ़ते संक्रमण के बीच मंगलवार से पाबन्दियां। 100 एक्टिव केस है उसे रेड जोन मानेंगे।

जागरण संवाददाता, जयपुर : राजस्थान में कोरोना संक्रमण लगातार बेकाबू होता जा रहा है । राज्य में 24 घण्टे में 6366 नए संक्रमित मिले हैं।इसके साथ ही चार लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा 2166 संक्रमित जयपुर जिले में मिलने के साथ ही एक व्यक्ति की मौत हुई है। एक्टिव केसों की संख्या 30 हजार 597 तक पहुंच गई है। चिकित्सकों का कहना है कि राज्य कोरोना की तीसरी लहर के मध्य में पहुंच गया है। करीब दो सप्ताह बाद संक्रमण पीक पर होगा ।
टीके नहीं लगवाने वालों पर दस हजार का जुर्माना
इसी बीच चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने मंगलवार को कहा कि राज्य में 92 फीसदी ओमिक्रोन पीड़ित आ रहे हैं । मीणा ने कहा कि एक फरवरी तक वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगवाने वालों को सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा । उन्हे सरकारी सुविधाओं से भी वंचित किया जा सकता है। उनके खिलाफ कार्यवाही होगी । दोनों टीके नहीं लगवाने वालों पर दस हजार का जुर्माना हो सकता है।
जिन शहरों में 100 से ज्यादा मरीज वहां सख्ती
मंगलवार से बाजार रात 8 बजे तक ही खुलने प्रारम्भ हुए हैं। शहरों में शादी एवं अन्य समारोह में 50 लोग शामिल हो सकेंगे। ग्रामीण इलाकों में 100 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई है। अंतिम संस्कार में 20 लोग शामिल हो सकेंगे । राज्य के जिन शहरों में 100 से ज्यादा मरीज है,वहां जिला कलेक्टर सख्ती कर सकेंगे ।
बढ़ते संक्रमण के बीच मंगलवार से कई पाबन्दियां
बढ़ते संक्रमण के बीच मंगलवार से कई पाबन्दियां लगाई जा चुकी है। दस फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले इलाकों में कभी भी लॉकडाउन जैसी सख्ती लगाई जा सकती है। गृह विभाग की गाइडलाइन में इसका प्रावधान किया गया है।
शहरों में 100 एक्टिव केस है, उसे रेड जोन मानेंगे
जयपुर सहित राज्य के 10 जिलों में संक्रमण के हालात ठीक नहीं है। इन जिलों में दस फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविट रेट है। इनमें जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर, अलवर, चित्तोडगढ़, दौसा, कोटा, उदयपुर और पाली शामिल है। शहरों में एक लाख जनसंख्या पर 100 एक्टिव केस है, उसे रेड जोन में रखा गया है। एक लाख की जनसंख्या पर 50 या इससे कम एक्टिव केस होंगे, वह रेड जोन में माना जाएगा ।
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