भाजपा और वसुंधरा के गढ़ में राहुल की पदयात्रा से कांग्रेस नेताओं को काफी उम्मीद, BJP ने गहलोत सरकार को घेरा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सोमवार सुबह सवा छह बजे झालावाड़ जिले से प्रारंभ हुई। बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस नेताओ इस यात्रा से काफी उम्मीदे हैं। वसुंधरा राजे के गढ़ में राहुल गांधी ने पदयात्रा की।
जागरण संवाददाता, झालावाड़। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' सोमवार सुबह सवा छह बजे झालावाड़ जिले से प्रारंभ हुई। करीब 14 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद बाली बोरड़ा चौराहे पर पहुंची। बीच में रायपुर फाटक के पास राहुल सहित सभी यात्रियों ने वैष्णव भोजनालय पर चाय पी। दोपहर में राहुल और अन्य यात्रियों ने विश्राम किया। दोपहर बाद साढ़े तीन बजे नाहरड़ी से यात्रा पुन: प्रारंभ हुई, देर शाम करीब सात बजे यात्रियों ने झालारापाटन के सूरजपोल पाका पर चाय पी और फिर खेल संकुल में रात्रि विश्राम किया। पिछले चार दशक से भाजपा के गढ़ झालावाड़ में राहुल की यात्रा से कांग्रेसियों को काफी उम्मीद है।
यात्रा के पीछे चल रहे स्थानीय कांग्रेसियों ने कहा, नौ लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यहां एक बार भी नहीं जीती है। पहले वसुंधरा राजे यहां से पांच बार सांसद रही। वे मुख्यमंत्री बन गई तो उनके पुत्र दुष्यंत सिंह लगातार चौथी बार सांसद बने हैं। सोमवार को जिस झालारापाटन में यात्रा रही, वहां से वसुंधरा विधायक हैं। झालावाड़ जिले की चार में से एक भी विधानसभा सीट पर कांग्रेस का विधायक नहीं है। जिला प्रमुख भी भाजपा का है। ऐसे में अब उम्मीद है कि राहुल की यात्रा से कांग्रेस को 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को लाभ मिल सकता है।
राहुल बोले, जय सियाराम बोलना पड़ेगा
राहुल ने चंद्रभागा चौराहे पर नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं को जय सियाराम बोलना पड़ेगा। इन्होंने अपने नारे से भगवान राम से सीता माता को अलग कर दिया। यह श्रीराम बोलते हैं। इन्हें हे राम भी बोलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश में डर पैदा हो रहा है। भाजपा के लोग इस डर को नफरत में पैदा करते हैं। इसलिए यह यात्रा निकाली जा रही है। विधायक को फटकारा सुबह जब राहुल की यात्रा प्रारंभ हुई तो कोहरा था । लेकिन फिर भी सड़क के दोनों तरफ ग्रामीण राहुल का अभिवादन करने के लिए खड़े थे। तेज सर्दी के बावजूद कुछ बच्चियां भी राहुल की यात्रा में शामिल हुई।
राहुल ने बच्चियों से बातचीत की। इस दौरान विधायक रफीक खान बार-बार उन्हे टोक रहे थे। इस पर राहुल नाराज हो गए। उन्होंने रफीक को फटकार दिया। यात्रा के दौरान एक अन्य पदयात्री का धक्का लगने से कांग्रेस संचालन समिति के सदस्य रघुवीर मीणा जमीन पर गिर गए ,जिन्हे एंबुलेंस से झालावाड़ अस्पताल भेजा गया । उनके हाथ की उंगली में फ्रेक्चर हुआ है। यात्रा में देविका भी शामिल हुईं। 26/11 मंबई हमले के दौरान देविका अपने पिता के साथ सीएसटी रेलवे स्टेशन पर थीं। आतंकी हमले में वह घायल हो गई थी। बाद में देविका गवाही कसाब को फांसी तक पहुंचाने में अहम साबित हुई।
भाजपा बोली, 50 साल के बच्चे की पांचवी बार री-लांचिंग
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस 50 साल के बच्चे की करोड़ों खर्च कर के पांचवी बार री-लांचिंग कर रही है। प्रदेश में अपराध बढ़े हैं। प्रदेश में खनन घोटाले संरक्षण से हो रहे हैं। अधिकारियों पर दबाव बनाकर गलत काम करवाया जा रहा है। पुलिस के हाथ बांध दिए गए। उन्होंने कहा, जो अधिकारी दबाव में आकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं उनके ऊपर भाजपा की सरकार आने पर कार्रवाई होगी। भ्रष्टाचार की फाइलों को खोला जाएगा। सांसद दुष्यंत सिंह ने कहा, वसुंधरा का लोगों से भय नहीं भावनाओं का रिश्ता है।
बाबा बाबा ब्लैक शीप तक सीमित है राहुल का ज्ञान : डा. नरोत्तम मिश्रा
मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने नुक्कड़ सभा के दौरान जय श्रीराम कहने पर भाजपा नेताओं को घेरा था। उन्होंने एक पंडित से हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए जय श्रीराम, जय सियाराम और हे राम का मतलब बताते हुए कहा था कि आरएसएस और भाजपा के लोग सियाराम और सीताराम नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उनके संगठन में महिला नहीं हैं। इस पर गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा है कि उनका (राहुल गांधी का) ज्ञान सीमित है।
जय श्रीराम में राम की शुरुआत 'श्री' से होती है और 'श्री' भगवान विष्णु जी की पत्नी लक्ष्मी जी और माता सीता जी के लिए ही प्रयोग होता है। डा. मिश्रा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी का ज्ञान बाबा-बाबा ब्लैक शीप तक ही सीमित है। उन्हें सीमित ज्ञान है। श्री का प्रयोग किसलिए होता है, वे इतिहास खोलकर देख लें। हालांकि, उन्होंने गीता के पन्ने शायद पलटे नहीं होंगे और रामायण कभी पढ़ी नहीं होगी। मुझे लगता है कि उन्हें उन्हीं पंडित ने यह बताया होगा, जिन्होंने मंदिर का केक बनाकर कमल नाथ से कटवाया था।