Ajmer News: अजमेर जिला परिषद के सीईओ हेमंत स्वरूप माथुर हुए एपीओ, सजावटी विज्ञापन पर जताई थी आपत्ति
Ajmer News सीनियर आरएएस हेमंत स्वरूप माथुर को बीते 3 दिसंबर को जब अजमेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद से एपीओ किया गया तो उसके लिए भी फिर राजनेताओं की दबंगई ही उजागर हुई।
अजमेर, आनलाइन डेस्क। राजस्थान में राजनेताओं के कारण ब्यूरोक्रेसी की फजीहत के किस्से बार-बार सामने आ रहे हैं। हाल ही में आईएएस अधिकारी को अशोक गहलोत सरकार के मंत्री द्वारा बैठक से बाहर भेजने का किस्सा लम्बे विवादों में रहा। यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि सीनियर आरएएस हेमंत स्वरूप माथुर को बीते 3 दिसंबर को जब अजमेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद से एपीओ किया गया, तो उसके लिए भी फिर राजनेताओं की दबंगई ही उजागर हुई।
मनरेगा में कार्यों की स्वीकृति का विवाद
आरएएस माथुर को एपीओ किए जाने के पीछे कारण बताया गया कि वो मनरेगा में कार्यों की स्वीकृति जारी नहीं कर रहे हैं, इससे ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिल रहा है। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए आंकडों की बात करें तो चार माह पहले जब माथुर ने सीईओ का पद संभाला था, तब अजमेर जिले में मनरेगा में मात्र 15 हजार ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा था, जबकि 15 नवंबर के आंकड़े बताते हैं कि जिले में करीब एक लाख ग्रामीणों को मनरेगा में काम मिल रहा है।
विज्ञापन में नेताजी की तस्वीर पर आपत्ति
जानकारों की माने तो सीनियर आरएएस हेमंत स्वरूप माथुर कांग्रेस के दबंग नेता और गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा के गुस्से का शिकार हुए हैं। 28 नवंबर को प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में सरवाड़ पंचायत समिति में आने वाले मेहरु कलां ग्राम पंचायत का आधे पृष्ठ का विज्ञापन प्रकाशित हुआ। यह विज्ञापन सावर पंचायत समिति के वार्ड चार के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रुकमा देवी की जीत पर जारी किया गया था। ग्राम पंचायत द्वारा जारी इस विज्ञापन पर रघु शर्मा का फोटो भी लगाया गया।
पंचायत समिति के विकास अधिकारी के नाम पत्र
बता दें कि राज्य सरकार ने ऐसे सजावटी और राजनीति से प्रेरित विज्ञापनों पर रोक लगा रखी है, इसलिए मेहरुकला ग्राम पंचायत के इस विज्ञापन को लेकर 28 नवंबर को ही जिला परिषद सीईओ माथुर ने सावर पंचायत समिति के विकास अधिकारी को एक पत्र लिखकर राज्य सरकार की एडवाइजरी के बारे में बताया और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अखबारों में प्रकाशित सजावटी विज्ञापनों के भुगतान में सरकार के आदेशों की पालना की जाए।
सीईओ के पत्र के बाद सरपंच और ग्राम सेवक भी सरकारी कोष से विज्ञापन का भुगतान नहीं कर सकते हैं। जब यह मामला रघु शर्मा के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिकायत की। बाद में सीएमओ के दखल से तीन दिसंबर को माथुर को एपीओ कर दिया गया।